बालासन पुल बंद होने से बस ऑपरेटर टेंशन में

-वर्दमान रोड पर दुर्घटनाओं की बढ़ी संख्या -जिला अलग होने से बीमा के दावे में होगी परेशानी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:41 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:41 PM (IST)
बालासन पुल बंद होने से बस ऑपरेटर टेंशन में
बालासन पुल बंद होने से बस ऑपरेटर टेंशन में

-वर्दमान रोड पर दुर्घटनाओं की बढ़ी संख्या

-जिला अलग होने से बीमा के दावे में होगी परेशानी

-अतिरिक्त चक्कर काटने से डीजल का खर्चा भी बढ़ा

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर में प्रवेश और निकासी के लिए महत्वपूर्ण बलासन पुल के क्षतिग्रस्त होने से जाम जी का जंजाल बन गया है। रुट में परिवर्तन होते ही सड़क दुर्घटना लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। वहीं सिलीगुड़ी से दूर-दराज जाने वाली बसों को 25 किलोमीटर का रास्ता घूमना पड़ रहा है। बल्कि बस ऑपरेटर कानूनी जटिलताओं से भी घबराए हुए हैं। यहां बताते चलें कि बीते दिनों हुई भारी बारिश की वजह से बलासन पुल क्षतिग्रस्त हो गया। दक्षिण-पश्चिम भारत से सड़क मार्ग होकर सिलीगुड़ी में प्रवेश और निकासी के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर बना बलासन पुल काफी महत्वपूर्ण है। इस पुल के क्षतिग्रस्त होते ही सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर ने दुपहिया के अलावा सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया। बलासन के बदले पुलिस प्रशासन ने सिलीगुड़ी से महात्मा गांधी स्क्वायर (एयरभ्यू मोड़) से झंकार मोड़ होते हुए नौकाघाट से कावाखाली होते हुए शिवमंदिर से बागडोगरा होकर रूट डायवर्ट किया है। महात्मा गांधी स्क्वायर से झंकार मोड़ तक फ्लाइओवर निर्माणाधीन होने की वजह से मार्ग काफी संकरा हो गया है। जिसकी वजह से इस रुट पर जाम की समस्या काफी गहरा गई है। वहीं अधिक वाहनों का दबाव पड़ते ही जाम जी का जंजाल बन गया है। प्रतिदिन छोटा-मोटा हादसा होता है। शनिवार की सुबह से सरकारी बस से एक बाइक चालक बुरी तरह से जख्मी हो गया।

दूसरी तरफ रविवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चार दिवसीय दौरे पर सिलीगुड़ी पहुंच रही है। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शहर में जाम को टालने के लिए पुलिस प्रशासन ने भारी ट्रकों के साथ सिलीगुड़ी से दूरगामी बसों को इस्टर्न बाईपास से फूलबाड़ी होकर घोषपोखर की तरफ डाइवर्ट किया है। रूट में किया यह परिवर्तन सिलीगुड़ी जंक्शन से कोलकाता, बहरमपुर, आसनसोल व पड़ोसी राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच चलने वाली नाइट सुपर बस ऑपरेटरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। किस प्रकार की हो रही है परेशानी

बस मालिकों की मानें तो सिलीगुड़ी जंक्शन से चेक-पोस्ट से होकर इस्टर्न बाईपास होकर फूलबाड़ी और वहां से घोषपोखर जाकर रूट पकड़ने में 25 किलोमीटर का अधिक घुमाव पड़ रहा है। कोरोना की मार के साथ डीजल की कीमत सौ रुपये के आसपास प्रति लीटर है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक बस संचालन में पंद्रह सौ रुपए का अधिक खर्च हो रहा है। इसके साथ ही शिवमंदिर और बागडोगरा से चढ़ने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना कर डाइवर्ट रुट नौकाघाट होकर सिलीगुड़ी जंक्शन आना पड़ रहा है। बल्कि इस डाइवर्सन से बीमा में कानूनी अड़चन की संभावना अधिक है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी जंक्शन से कोलकाता व बिहार, यूपी जाने वाली बसों का परमिट दार्जिलिंग जिला से है। जबकि इस्टर्न बाइपास होकर फूलबाड़ी जलपाईगुड़ी जिले में पड़ता है। जलपाईगुड़ी जिला क्षेत्र में किसी भी प्रकार का हादसा होने पर बीमा क्लेम करने में कानूनी अड़चन पैदा होगी। इस समस्या को बस ऑपरेटरों ने पुलिस प्रशासन और आरटीओ के समक्ष रखा है। आरटीओ ने इस डाइवर्सन से संबंधित एक नोटिफिकेशन जारी कर समस्या के समाधान का भरोसा दिया है।

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