राज्‍यपाल धनकड़ ने बोला ममता सरकार पर हमला, कहा- मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात प्रजातंत्र के लिए कलंक

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ सोमवार को 1 सप्ताह के दार्जिलिंग दौरे पर पहुंचे। वह बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकारों और कुठाराघात प्रजातंत्र के लिए कलंक है। ऐसा ही चुनाव परिणाम आने के बाद बंगाल में हो रहा है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 04:59 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 04:59 PM (IST)
राज्‍यपाल धनकड़ ने बोला ममता सरकार पर हमला, कहा- मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात प्रजातंत्र के लिए कलंक
बागडोगरा एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते राज्यपाल जगदीप धनखड़

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ सोमवार को 1 सप्ताह के दार्जिलिंग दौरे पर पहुंचे। वह बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकारों और कुठाराघात प्रजातंत्र के लिए कलंक है। ऐसा ही चुनाव परिणाम आने के बाद बंगाल में हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि दिल्ली जाने के पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। लेकिन जवाब में कहा गया कि इस प्रकार की कोई घटना ही राज्य में नहीं घटी है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।

उन्होंने कहा कि 2 मई के बाद पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा से वे चिंतित परेशान और हतप्रभ है। दुनिया भर के लोगों का फोन आ रहा है कि बंगाल में लोगों को लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत बचाया जाए?। मैं हैरान हूं कि 4 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश में बंगाल के साथ चुनाव हुए नतीजा भी निकला सरकारी भी गठन की गई लेकिन कहीं से भी कोई हिंसा की खबर नहीं मिल रही है। जबकि बंगाल में पिछले 7 सप्ताह से लगातार हिंसक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही। चिंता इस बात की है कि इस प्रकार की घटनाएं घटने के बाद आज तक ना सरकार और ना ही प्रशासन पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हैं। इन सारी बातों का विस्तृत रिपोर्ट उन्होंने केंद्र को दी है।

मानवीय मूल्यों का हो रहा है हरण

राज्यपाल ने कहा भारतीय संविधान में मानवीय मूल्य के सुरक्षा के लिए बहुत सारे अधिकार दिए गए हैं उसका यहां पूरी तरह हरण हो रहा है। आश्चर्य की बात है कि मानव अधिकार भी इस ओर कोई सेटिंग कदम नहीं उठा रहे। आजादी के बाद सुनाओ पश्चात इस प्रकार की घटना न कभी सुनी और ना देखी गई है। राज्य के प्रथम नागरिक होने के कारण सरकार की तरह मैं चुप नहीं बैठ सकता।

प्रत्येक संवैधानिक संस्थाओं से टकराव ठीक नहीं

राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि राज्य में जिस प्रकार सभी संवैधानिक संस्थाओं से टकराव देखा जा रहा है यह ठीक नहीं है। गणतंत्र में संवैधानिक संस्थाओं का अपना अपना महत्व होता है ऐसे में उनके साथ हर मुद्दे पर टकराव कर जनतांत्रिक व्यवस्था के रास्ते में बाधक बनना है।

लोगों के आंखों में देखा है खौफ

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने चुनाव हिंसा के बाद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। उत्तर बंगाल असम और नंदीग्राम क्षेत्रों में जाकर लोगों से बातचीत की। लोगों के आंखों में खौफ है। लोग इतने भयभीत हैं कि जन कल्याण और विकास की बातें तो दूर वह जीवित रह पाएंगे या नहीं इसको लेकर चिंता में है। यह किसी भी सरकार के लिए ठीक नहीं है। विकास के साथ लोगों में एक उम्मीद होनी चाहिए कि सरकार किसी की भी हो चुनाव परिणाम के बाद वह सरकार उसके लिए काम करेगी। लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं है। हिंसा से पीड़ित लोग पुलिस प्रशासन के पास इस डर से नहीं जाते कि अगर वह शिकायत लेकर गए तो फरियादी कम अपराधी बन जाएंगे। उसके बाद उनका यहां रहना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज तक सरकार या प्रशासन का एक भी नुमाइंदा ऐसी पीड़ितों के पास नहीं पहुंचा है।

उत्तर बंगाल को लेकर लोगों से करूंगा बातचीत

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि उत्तर बंगाल आर्थिक सामरिक और सामाजिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहां की उत्पादकता को संभाला जाए तो यह देश के विकास में काफी मददगार हो सकता है। ऐसा नहीं हो पा रहा है चाहे इसके पीछे के कारणों को वह नजदीक से देखना चाहते हैं। एक सप्ताह तक दार्जिलिंग दौरे पर वह लोगों से संगठनों से बातचीत करेंगे। कैसे क्षेत्र का भला हो इसको लेकर किसी से भी मिलने में गुरेज नहीं करेंगे। लोगों से विस्तार से चर्चा करेंगे और प्रथम सेवक होने के कारण इसका अनुपालन  कराने की कोशिश करेंगे। राज्यपाल एयरपोर्ट से निकलकर सीधे दार्जिलिंग के लिए रवाना हो गए। 

दार्जिलिंग हिल्स टीएमसी राज्यपाल के दौरे का करेगी विरोध

राज्यसभा सांसद व टीएमसी नेत्री शांता क्षेत्री ने ऐलान किया है कि राज्यपाल दार्जिलिंग दौरे पर अव्यवस्था और राजनीति करने आ रहे हैं। ऐसे में उनका दार्जिलिंग हिल्स दौरे पर तृणमूल कांग्रेस समर्थकों द्वारा काला झंडा दिखाकर स्वागत किया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस नहीं चाहती कि राज्यपाल एक पार्टी के प्रवक्ता के रूप में दार्जिलिंग हिल्स में आकर सरकार के खिलाफ उकसाने का काम करेंगे।

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