कोरोना संकट के बीच हुगली के केसोराम रेयन कारखाने में लगा ताला, हजारों श्रमिक हुए बेरोजगार

कोरोना महामारी के बीच हुगली के कुंतीघाट स्थित केसोराम रेयन कारखाने में मंगलवार सुबह कार्य स्थगन का नोटिस लगने से श्रमिकों में खलबली मच गई। प्रबंधन ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए सुबह अस्थाई रूप से कारखाने में तालाबंदी कर दी।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 04:07 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 04:07 PM (IST)
कोरोना संकट के बीच हुगली के केसोराम रेयन कारखाने में लगा ताला, हजारों श्रमिक हुए बेरोजगार
कोरोना महामारी के बीच कारखाने के बाहर लगा ताला।

राज्य ब्यूरो, कोलकता : कोरोना महामारी के बीच हुगली के कुंतीघाट स्थित केसोराम रेयन कारखाने में मंगलवार सुबह कार्य स्थगन का नोटिस लगने से श्रमिकों में खलबली मच गई। प्रबंधन ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए सुबह अस्थाई रूप से कारखाने में तालाबंदी कर दी। लाॅकडाउन के समय अचानक कारखाना बंद होने से हजारों श्रमिकों के सामने एक बार फिर से रोजी- रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।

श्रमिकों का कहना है कि इस महामारी के दौर में कारखाना प्रबंधन ने मनमाने तरीके से कारखाना को बंद किया है। दरअसल, मंगलवार सुबह रोजना की तरह जब काम पर पहुंचे श्रमिकों ने देखा कि कारखाना गेट के समक्ष कार्य स्थगन की नोटिस लगी है तो सभी अवाक रह गए। वहीं, प्रबंधन ने गेट पर लगाए गए नोटिस में उल्लेख किया है कि वर्ष 2020 के मार्च से लेकर अभी तक कोविड-19 के कारण काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। बाजार में मंदी से कारखाने में उत्पादित होने वाली सूते की मांग में भारी कमी आई है।

कच्चे माल का भी अभाव चल रहा है। इस कारण कारखाने को बंद करना पड़ा है। इधर, श्रमिकों ने कारखाना फिर से चालू करवाने के लिए श्रममंत्री से गुहार लगाई है। मालूम हो कि बंगाल में पहले से ही तकरीबन बीस जूट मिलों में ताला लगा हुआ है। इनमें से चार जूट मिलें हुगली की हैं।

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