संकटमोचन हनुमान मंदिर

संकटमोचन हनुमान मंदिर नेहरू रोड की महिमा अपरंपार है। सावन महीने में बाबा का जलाभिषेक और रूद

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 07:44 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:44 PM (IST)
संकटमोचन हनुमान मंदिर
संकटमोचन हनुमान मंदिर

संकटमोचन हनुमान मंदिर, नेहरू रोड की महिमा अपरंपार है। सावन महीने में बाबा का जलाभिषेक और रूद्राभिषेक किया जा रहा है।

मंदिर का इतिहास : मंदिर की स्थापना वर्ष 1930 में पंडित उत्तम पाडेय के द्वारा की गई थी। मंदिर में वट और पीपल के पेड़ हैं। मंदिर में बाबा हनुमान अपने कंधे पर राम, लक्ष्मण को लिए हुए थे। प्रतिवर्ष ऐसी ही प्रतिमा मंदिर में स्थापित की जाती थी। शिवलिंग भी स्थापित की गई थी। वर्ष 2007 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। जहा पर शिव दरबार, राम दरबार, सहित अन्य देवी देवताओं की मूíतया स्थापित की गई थी। यह मूर्तियां काफी आकर्षक हैं। सावन महीने में भोले बाबा का श्रृंगार किया जाता है।

मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की अगाध आस्था है। मंदिर में जलाभिषेक और रूद्राभिषेक की व्यवस्था की गई है। इस महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार कष्ट ना हो इसकी विशेष व्यवस्था की गई है।

-पंडित उमाशकर पाडेय

मंदिर पहुंचने का मार्ग: सिलीगुड़ी जंक्शन से मंदिर जाने के लिए ब‌र्द्धमान रोड से होकर जाया जा सकता है। इसके अलावा यह मंदिर पी सी मित्तल बस टर्मिनस से लगभग पाच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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संकटमोचन हनुमान मंदिर, नेहरू रोड की महिमा अपरंपार है। सावन महीने में बाबा का जलाभिषेक और रूद्राभिषेक किया जा रहा है।

मंदिर का इतिहास : मंदिर की स्थापना वर्ष 1930 में पंडित उत्तम पाडेय के द्वारा की गई थी। मंदिर में वट और पीपल के पेड़ हैं। मंदिर में बाबा हनुमान अपने कंधे पर राम, लक्ष्मण को लिए हुए थे। प्रतिवर्ष ऐसी ही प्रतिमा मंदिर में स्थापित की जाती थी। शिवलिंग भी स्थापित की गई थी। वर्ष 2007 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। जहा पर शिव दरबार, राम दरबार, सहित अन्य देवी देवताओं की मूíतया स्थापित की गई थी। यह मूर्तियां काफी आकर्षक हैं। सावन महीने में भोले बाबा का श्रृंगार किया जाता है।

मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की अगाध आस्था है। मंदिर में जलाभिषेक और रूद्राभिषेक की व्यवस्था की गई है। इस महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार कष्ट ना हो इसकी विशेष व्यवस्था की गई है।

-पंडित उमाशकर पाडेय

मंदिर पहुंचने का मार्ग: सिलीगुड़ी जंक्शन से मंदिर जाने के लिए ब‌र्द्धमान रोड से होकर जाया जा सकता है। इसके अलावा यह मंदिर पी सी मित्तल बस टर्मिनस से लगभग पाच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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