राज्यपाल ने फिर राज्य सरकार को कोसा

-जीटीए पर भी लगाया भ्रष्टाचार का आरोप -दार्जिलिंग दौरा खत्म कर कोलकाता लौटे जागरण संवा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 07:29 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 07:29 PM (IST)
राज्यपाल ने फिर राज्य सरकार को कोसा
राज्यपाल ने फिर राज्य सरकार को कोसा

-जीटीए पर भी लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

-दार्जिलिंग दौरा खत्म कर कोलकाता लौटे जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हमेशा की तरह एक बार फिर राज्य सरकार व गोरखालैंड टेरिटोरिअल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) को कोसा है। दुर्गा पूजा उत्सव अवकाश के उपलक्ष्य में राजधानी कोलकाता से दार्जिलिंग प्रवास पर जाते समय बीते 13 अक्टूबर और फिर वापसी में शुक्रवार 22 अक्टूबर, दोनों ही दिन उन्होंने राज्य सरकार व जीटीए को जम कर कोसा।

इस दिन दार्जिलिंग प्रवास से राजधानी कोलकाता लौटने के क्रम में बागडोगरा एयरपोर्ट पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कानून का राज नहीं है। गणतंत्र खत्म हो गया है। राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल तक को महत्व नहीं दिया जा रहा है तो आम लोगों का क्या हाल होगा समझा जा सकता है। राज्य में चुनाव बाद जो हिसा हुई है उसकी देश भर में कहीं और नजीर नहीं मिलती। यह शर्मनाक है।

उन्होंने जीटीए के विरुद्ध भी सवाल खड़े किए। कहा कि, 2012 में अस्तित्व में आए जीटीए को क्षेत्रीय शासन-व्यवस्था संभाले हुए आज 10 साल हो गए। इस दौरान केंद्र व राज्य दोनों सरकार ने करोड़ों रुपये दिए। मगर, उन रुपयों का कुछ भी कहीं हिसाब नहीं मिल रहा है। हर साल राज्यपाल को वार्षिक रिपोर्ट देनी थी। पर, 10 साल में कभी एक बार भी नहीं दी गई। यह कल्पना से भी परे है। सीएजी को हर साल ऑडिट करनी चाहिए थी, एक साल नहीं हुई। राज्य वित्त आयोग कुछ नहीं कर रहा है। कभी भी मुझसे कोई अनुशंसा नहीं की। मैंने कई बार पूछा भी कि मुझे रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए लेकिन नहीं करवाई गई।

पूछा-कहां है 12 लाख करोड़ का निवेश

उन्होंने यह भी कहा कि जीटीए में जो 2000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। उसकी जांच हेतु तीन सदस्य जांच कमेटी बनाई गई। उस कमेटी में राज्य के मुख्य सचिव सरीखे आला अधिकारी रहे। उन्हें जांच रिपोर्ट देनी थी लेकिन अब तक नहीं दी गई। जनता को कुछ नहीं बताया गया। जनता तो दूर राज्यपाल तक को नहीं दी गई कोई रिपोर्ट। राज्यपाल ने यह भी सवाल उठाया कि बंगाल ग्लोबल समिट के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। कहा गया कि, राज्य में 12 लाख करोड़ का निवेश होगा। कहां है वह निवेश? राज्य में सब कुछ चरमरा गया है। गणतंत्र व कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।

chat bot
आपका साथी