-गोजमुमो (2)बदलेगा झंडा: सतीश पोखरेल

बोले गोजमुमो टू के उपाध्यक्ष ------------ -दार्जिलिंगकर्सियांग व कालिम्पोंग के बुद्धिजीवियों राजन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 09:22 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 09:22 PM (IST)
-गोजमुमो (2)बदलेगा झंडा: सतीश पोखरेल
-गोजमुमो (2)बदलेगा झंडा: सतीश पोखरेल

बोले: गोजमुमो टू के उपाध्यक्ष

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-दार्जिलिंग,कर्सियांग व कालिम्पोंग के बुद्धिजीवियों, राजनीतिज्ञों व समर्थकों से सलाह मशविरा करेंगे

-कब तक नया झंडा व नई पार्टी होगी यह सुनिश्चित नहीं

संवाद सूत्र,दार्जिलिंग: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (2) अब अपना झंडा बदलेगा। यह जानकारी बुधवार को यहां केंद्रीय कार्यालय में उपाध्यक्ष सतीश पोखरेल ने दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने भरपूर साथ दिया मगर किन्ही कारणों से विजयी नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि अभी तक हमारी पार्टी गोजमुमो के नाम पर चल रही थी। मगर इस पर गोजमुमो बिमल गुट ने आपत्ति जताई तथा महासचिव रोशन गिरि ने हमें चुनौती तक दे दी थी। हम उनकी चुनौती को स्वीकार कर रहे तथा सभी समष्टि के कार्यकर्ताओं से वार्ता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम झंडा बदलेंगे क्यों कि अभी तक हम जिस झंडे का प्रयोग कर रहे थे उससे हमारे समर्थक असंतुष्ट थे। उन्होंने कहा अभी तक जिस झंडे का हम प्रयोग कर रहे थे वह गोरखालैंड के लिए था जो जीटीए तक सीमित रह गया। इसी बात से खिन्न होकर विनय तामांग ने अलग पार्टी बनाई तब भी विवाद रहा जिस पर विनय तामांग अलग हो गए!

उन्होंने कहा कि दाíजलिंग,कर्सियांग कालिम्पोंग के प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवी राजनीतिज्ञों से केंद्रीय समिति में इस विषय पर चर्चा करेगी। जीएनएलएफ का झडा गोरखालैंड के लिए बना और डीजीएसई में आकर सीमित हो गया इसी तरह गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का झडा भी जीटीए तक ही सीमित रह गया। उन्होंने कहा कि हम भी गोरखालैंड चाहते हैं कि पर किसी को शहीद करके अथवा किसी का घर उजाड़ कर नहीं ,गोरखालैंड का सपना दिखाकर पहाड़ को अस्तव्यस्त नहीं करेंगे, हम सिर्फ पहाड़ को लेकर नहीं भारत के संपूर्ण गोरखाओं को लेकर कार्य कर रहे हैं और हमारा नेतृत्व करने वाले विशिष्टजन भी इस झडा को पसंद नहीं कर रहे हैं मेरी निजी सोच भी है मैं रोज सुबह अपने घर में लगे झडे की पूजा करता हूं मगर मैंने भी मन बना लिया है कि अब इस झडे को बदलना होगा। हां यह जरूर है कि झंडा कब बदलेगा यह अभी सुनिश्चित नहीं है। धर्मगुरु बुद्धिजीवियों से सलाह लेकर झडा परिवर्तन करेंगे जिससे सभी को लगे कि यह हमारा झडा है, ये हमारा अस्तित्व और पहचान बने और सभी की इच्छा आकाक्षाओं को पूरा करें हम हर दिन अलग-अलग समष्टि से आए प्रतिनिधियों से नई पार्टी व नए झडे के बाबत चर्चा कर रहे हैं। वैसे अंतिम निर्णय केंद्रीय समिति की बैठक में लिया जाएगा हम बहुत जल्द केंद्र समिति का बैठक बुला रहे हैं ा

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