शक्तिगढ़ के लोगों की प्यास बुझाने की कवायद शुरू

-क्षतिग्रस्त पेयजल आपूर्ति के ओवर हेड रिजर्वर की मरम्मत का काम शुरू हुआ -31 32 व 33 नंबर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 10:00 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 10:00 PM (IST)
शक्तिगढ़ के लोगों की प्यास बुझाने की कवायद शुरू
शक्तिगढ़ के लोगों की प्यास बुझाने की कवायद शुरू

-क्षतिग्रस्त पेयजल आपूर्ति के ओवर हेड रिजर्वर की मरम्मत का काम शुरू हुआ

-31, 32 व 33 नंबर वार्ड के लोगों को पेयजल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था पर भी जोर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर के शक्तिगढ़ में क्षतिग्रस्त हुए सिलीगुड़ी नगर निगम की पेय जल आपूर्ति के ओर हेड वाटर रिजर्वर की मरम्मत का कार्य मंगलवार से शुरू हो गया। उक्त इलाके के विधायक व राज्य के मंत्री गौतम देव ने इसकी जानकारी दी है। वह खुद इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) की चपेट में सिलीगुड़ी के निकट माटीगाड़ा स्थित एक मल्टी स्पेशियलिटी प्राइवेट हॉस्पिटल में चिकित्साधीन हैं। वहीं से उन्होंने उक्त समस्या की जानकारी ली है व उसके समाधान का प्रयास किया है। इस बाबत उन्होंने मंगलवार को एक ऑडियो वार्ता जारी कर कहा है कि 'मेरे डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिलीगुड़ी नगर निगम के शक्तिगढ़ में सिलीगुड़ी नगर निगम के पेय जल आपूर्ति के ओवर हेड वाटर रिजर्वर के क्षतिग्रस्त होने की खबर मिली। इस बात मैंने पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिग (पीएचई) विभाग के अधिकारियों से बात की है। उसका मरम्मत कार्य आज से शुरू हो गया है। बताया गया है कि उक्त ओवर हेड वाटर हेड रिजर्वर की छत ही क्षतिग्रस्त हो गई है। सो, पूरी छत की ढलाई करनी होगी। उसमें एक महीने का समय लगेगा। उसके बाद के कार्यो में भी और एक महीना लगेगा। मैंने पीएचई से अनुरोध किया है कि वे देखें कि समय को कुछ कम किया जा सके और गुणवत्ता बेहतर से बेहतर हो'।

उल्लेखनीय है कि उक्त ओवर हेड वाटर रिजर्वर के क्षतिग्रस्त हो जाने के मद्देनजर सिलीगुड़ी नगर निगम के 31, 32 व 33 नंबर वार्ड में कई दिनों से पेय जल आपूर्ति प्रभावित है। इसके वैकल्पिक उपाय के बारे में मंत्री ने कहा है कि 'सिलीगुड़ी नगर निगम ने फिलहाल छह टैंक और पीएचई ने दो टैंक दिए हैं। कुल आठ टैंक हैं। उनके माध्यम से ऊपरोक्त वार्डो में जगह-जगह लोगों को पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। मगर, यह पर्याप्त नहीं है। इसीलिए हमने और भी वैकल्पिक रूप में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने को कहा है। बाई पास रास्ते से 150 एमएम व्यास की वाटर सप्लाई पाईप को 250 मीटर व्यास की पाईप करके आपूर्ति बेहतर की जा सकती है।

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