फर्जी कोरोना रिपोर्ट देने के मामले का भंडाफोड़

-मरीज के परिजन ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कियाजिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा ह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 11:38 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 11:38 AM (IST)
फर्जी कोरोना रिपोर्ट देने के मामले का भंडाफोड़
फर्जी कोरोना रिपोर्ट देने के मामले का भंडाफोड़

-मरीज के परिजन ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया,जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है मरीज जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना के इस आतंकित काल मे फर्जी जाच रिपोर्ट के बदले लोगों को लूटने वाले एक रैकट का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में एक युवक को सिलीगुड़ी थाना अंतर्गत पानीटंकी टाउन आउट पोस्ट की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित का नाम विशाल दत्ता बताया गया है। आरोपित को बुधवार सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया जएगा।

मिली जानकारी के मुताबिक एक मरीज की स्थिति बिगड़ने पर मरीज का बेटा खुद रिपोर्ट लेने लैब पहुंच गया। तब मालूम हुआ कि उनके पिता का सैंपल जमा ही नहीं कराया गया। जबकि कुछ घटे बाद सैंपल संग्रह करने वाला व्यक्ति कोरोना की जाच रिपोर्ट उनके घर पहुंचा आया था। संदेह होने पर परिवार वालों ने लैब से रिपोर्ट का सत्यापन कराने पर फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया। वहीं दूसरी ओर आरोपित की करतूत की वजह से मरीज जिंदगी और मौत से अस्पताल में जंग लड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक पंजाबीपाड़ा निवासी 48 वर्षीय अमर जैन किडनी जनित रोगों से ग्रसित हैं। कोरोना के पहले लैब ले जाकर उनकी जाच कराई जाती थी। लेकिन कोरोना की वजह से लगभग सभी लैब प्रबंधन ने मरीज के घर से सैंपल संग्रह कर जाच रिपोर्ट घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की। इनकी जाच भी घर से कराई जा रही थी। अभी हाल में ही तबीयत बिगड़ने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रबंधन ने तो कोरोना जाच कराई ही परिवार वालों ने अपने भरोसेमंद पुराने लैब वाले से भी कोरोना जाच कराने के लिए सैंपल भिजवाया। बीते कल से मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी। कोरोना जाच रिपोर्ट लेने के लिए मंगलवार को मरीज का बेटा स्वयं ही लैब पहुंच गया। वहा उसे मालूम हुआ कि उनके पिता का सैंपल जमा ही नहीं कराया गया है। लेकिन इसके कुछ ही घटे बाद आरोपित विशाल दत्त रिपोर्ट उनके घर पहुंचा आया। जिसमें मरीज को कोरोना पॉजिटिव बताया गया। जबकि अस्पताल में कराए जाच में कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आई। संदेह होने पर परिवार वालों ने विशाल दत्त द्वारा मुहैया रिपोर्ट के सत्यापन के लिए संबंधित लैब से संपर्क किया। लैब से जानकारी दी गई कि उनके पिता के सैंपल की जाच उनके लैब तक पहुंची ही नही। बल्कि रिपोर्ट में नाम तो उनके पिता का है, लेकिन आईडी व अन्य जानकारी किसी अन्य मरीज की है। अर्थात यह रिपोर्ट फर्जी है। इसके बाद परिवार वालों ने आरोपित विशाल दत्त को पुलिस के हवाले किया।

परिवार की ओर से प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि आरोपित पहले इसी लैब में काम करता था। लेकिन इसी तरह का फर्जीवाड़ा करने की वजह से लैब प्रबंधन ने करीब छह महीने पहले ही उसे काम से निकाल दिया। इसकी जानकारी उन लोगों को नहीं थी। वे तो भरोसा कर विशाल दत्त के मार्फत ही जाच कराते रहे। जबकि उसकी फर्जी जाच रिपोर्ट के आधार पर किये इलाज और दी गई गलत दवाई की वजह से मरीज को ब्रेन हैमरेज भी हो गया है। आरोपित के बैग से पुलिस को अन्य कई लोगों की फर्जी जाच रिपोर्ट व टेस्टिंग किट आदि बरामद हुआ है। पुलिस के अनुसार काम से निकाले जाने के बाद भी विशाल फर्जी रिपोर्ट थमा कर मरीज व उनके परिवार से रुपया उगाही में जुट गया।

chat bot
आपका साथी