12 अक्टूबर की वार्ता भी आश्वासन की घुट्टंी न हो जाए : मोर्चा

संवाद सूत्रदार्जिलिंग गोजमुमो के केंद्रीय सह सचिव अनिल लोपसंग ने कहा है कि सांसद राजू बिष्ट ने विग

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 09:48 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 09:48 PM (IST)
12 अक्टूबर की वार्ता भी आश्वासन की घुट्टंी न हो जाए : मोर्चा
12 अक्टूबर की वार्ता भी आश्वासन की घुट्टंी न हो जाए : मोर्चा

संवाद सूत्र,दार्जिलिंग: गोजमुमो के केंद्रीय सह सचिव अनिल लोपसंग ने कहा है कि सांसद राजू बिष्ट ने विगत दिवस जो बयान दिया है गोरखाओं की समस्या का समाधान हो जाएगा और इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसके लिए मन बना लिया है सांसद महोदय को हम इसके लिए धन्यवाद देते हैं। परंतु जो 2009 से 2021 तक सिर्फ आश्वासन मिला है। अब 12 अक्टूबर को वार्ता भी सिर्फ आश्वासन की घुट्टंी मात्र ना हो। क्योंकि भाजपा के सांसद व विधायक को बुलाकर त्रिपक्षीय वार्ता नहीं होती है इसमें राज्य सरकार व जीटीए सभी को शामिल होना चाहिए तभी त्रिपक्षीय वार्ता होगी । सासद राजू बिष्ट कह रहे हैं कि राज्य के भीतर की व्यवस्था होगी हमें मंजूर है परंतु संवैधानिक होना चाहिए और तराई डुवार्स शामिल होना चाहिए। भाजपा गोरखाओं को भारत का नागरिक मानता है तो हमें न्याय दे हमें सिर्फ वोटर की तरह इस्तेमाल ना करें हम चाहते हैं कि 12 अक्टूबर की बैठक में 11 जात गोष्टी की भी बात हों और संवैधानिक मान्यता वाली व्यवस्था का बिल पारित कराया जाए । सासद कह रहे हैं कि हम लोग जीटीए के लिए ललायित है शायद वह भूल गए हैं कि हमारी पार्टी ने वर्ष 2017 में ही जीटीए को त्याग दिया था ।

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गोजमुमो के केंद्रीय सह सचिव अनिल लोपसंग ने कहा है कि सांसद राजू बिष्ट ने विगत दिवस जो बयान दिया है गोरखाओं की समस्या का समाधान हो जाएगा और इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसके लिए मन बना लिया है सांसद महोदय को हम इसके लिए धन्यवाद देते हैं। परंतु जो 2009 से 2021 तक सिर्फ आश्वासन मिला है। अब 12 अक्टूबर को वार्ता भी सिर्फ आश्वासन की घुट्टंी मात्र ना हो। क्योंकि भाजपा के सांसद व विधायक को बुलाकर त्रिपक्षीय वार्ता नहीं होती है इसमें राज्य सरकार व जीटीए सभी को शामिल होना चाहिए तभी त्रिपक्षीय वार्ता होगी । सासद राजू बिष्ट कह रहे हैं कि राज्य के भीतर की व्यवस्था होगी हमें मंजूर है परंतु संवैधानिक होना चाहिए और तराई डुवार्स शामिल होना चाहिए। भाजपा गोरखाओं को भारत का नागरिक मानता है तो हमें न्याय दे हमें सिर्फ वोटर की तरह इस्तेमाल ना करें हम चाहते हैं कि 12 अक्टूबर की बैठक में 11 जात गोष्टी की भी बात हों और संवैधानिक मान्यता वाली व्यवस्था का बिल पारित कराया जाए । सासद कह रहे हैं कि हम लोग जीटीए के लिए ललायित है शायद वह भूल गए हैं कि हमारी पार्टी ने वर्ष 2017 में ही जीटीए को त्याग दिया था ।

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