सैंकड़ों घरों में नहीं पकाएं जाएंगे तामसी भोजन व चावल

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी बरुथिनी एकादशी 2021 शुभ मुहूर्त एकादशी तिथि 06 मई को दोपहर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 05:37 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 05:37 PM (IST)
सैंकड़ों घरों में नहीं पकाएं जाएंगे तामसी भोजन व चावल
सैंकड़ों घरों में नहीं पकाएं जाएंगे तामसी भोजन व चावल

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :

बरुथिनी एकादशी 2021 शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि 06 मई को दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 07 मई की शाम 03 बजकर 32 मिनट तक रहेगी।

जबकि द्वादशी तिथि 08 मई को शाम 05 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हो जाएगी

एकादशी व्रत पारण समय

08 मई को सुबह 05 बजकर 35 मिनट से सुबह 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। ऐसे में पारण की कुल अवधि 02 घटे 41 मिनट है। पूर्वोत्तर भारत के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी। इस क्षेत्र को धार्मिक नगरी भी कहा जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार कहते है कि एकादशी के दिन तामसिक भोजन व चावल नहीं खाने चाहिए। कहा जाता है ऐसा करने से मन में अशुद्धता आती है।

एकादशी के दिन क्यों हीं खाने चाहिए चावल

आचार्य पंडित यशोधर झा ने बताया कि एकादशी के दिन चावल सेवन नहीं करने का धाíमक कारण हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महíष मेधा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया था। जिसके कारण उनके शरीर का अंश धरती माता के अंदर समा गया। मान्यता है कि जिस दिन महíष का शरीर धरती में समा गया था, उस दिन एकादशी थी। कहा जाता है कि महíष मेधा चावल और जौ के रूप में धरती पर जन्म लिया। यही वजह कि चावल और जौ को जीव मानते हैं इसलिए एकादशी के दिन चावल नहीं खाया जाता। माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से महíष मेधा के मास और रक्त के सेवन करने जैसा है।

एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं

एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समíपत होती है। इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी करना चाहिए। भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। धाíमक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

इस दिन सावकि भोजन ग्रहण करना चाहिए। मास-मदिरा के सेवन से दूर रहें। एकादशी के पावन दिन चावल का सेवन न करें। इस दिन किसी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस पावन दिन ब्रह्मचर्य का पालन भी करें।धाíमक शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन दान- पुण्य करें।

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