बच्चों की मौत के सिलसिले पर लगे लगाम : डीवाईएफआई
-दुर्गोत्सव के दौरान सीनियर डॉक्टरों की अनुपस्थिति व 118 रोगियों की मौत पर भी जताया रोष
-दुर्गोत्सव के दौरान सीनियर डॉक्टरों की अनुपस्थिति व 118 रोगियों की मौत पर भी जताया रोष
-नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में किया विरोध प्रदर्शन, आंदोलन की चेतावनी
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) में बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थमने और दुर्गोत्सव के दौरान सीनियर डॉक्टरों के छुट्टी पर चले जाने के चलते गत एक सप्ताह में 118 रोगियों की मौत के विरुद्ध माकपा समर्थित युवा संगठन डीवाईएफआई ने रोष जताया है। इसे लेकर डीवाईएफआई की दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से रविवार को एनबीएमसीएच अधीक्षक कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने एनबीएमसीएच में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर कर मौत के सिलसिले पर लगाम लगाए जाने की मांग की। इस मांग पर तुंरत अमल नहीं होने पर डीवाईएफआई की दार्जिलिंग जिला कमेटी के अध्यक्ष सचिन खाती ने संगठन की ओर से और जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि दुर्गोत्सव के दौरान गत सप्ताह भर सीनियर डॉक्टर छुट्टी लेकर दुर्गोत्सव मनाते रहे और उसी दौरान एनबीएमसीएच में 118 रोगियों की जान चली गई। दुर्गा पूजा की षष्ठी से पूर्व के दो दिन की बात करें तो 9 अक्टूबर को 16 व 10 अक्टूबर को 13 रोगियों की मौत हुई। षष्ठी के दिन 11 अक्टूबर को 19, सप्तमी के दिन 12 अक्टूबर को 20, अष्टमी के दिन 13 अक्टूबर को 21, नवमी के दिन 14 अक्टूबर को 15, एवं दशमी के दिन 15 अक्टूबर को 14 रोगियों ने दम तोड़ा। इस प्रकार बीते एख सप्ताह में कुल 118 रोगियों की मौत हुई। औसतन प्रतिदिन 17 रोगी मरे। वहीं, वहां बच्चों की मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है।