कर्सियाग में दुर्गापूजा व दशहरा हर्षोल्लास व शातिपूर्ण संपन्न

-12 अक्टूबर महासप्तमी को यहां फूलपाती सास्कृतिक शोभायात्रा निकली -गोरखाओं का महान पर्व टीक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:23 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:23 PM (IST)
कर्सियाग में दुर्गापूजा व दशहरा हर्षोल्लास व शातिपूर्ण संपन्न
कर्सियाग में दुर्गापूजा व दशहरा हर्षोल्लास व शातिपूर्ण संपन्न

-12 अक्टूबर महासप्तमी को यहां फूलपाती सास्कृतिक शोभायात्रा निकली -गोरखाओं का महान पर्व टीका आरंभ

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जागरण संवाददाता,कर्सियाग:

महकमा क्षेत्र में दुर्गापूजा व दशहरा हर्षोल्लास व शातिपूर्ण संपन्न हुआ। पूजा को लेकर महकमा क्षेत्र का माहौल भक्तिमय रहा। वर्ष मंगलवार 12 अक्टूबर महासप्तमी के दिन कर्सियाग में फूलपाती सास्कृतिक शोभायात्रा आयोजन किया गया। सुबह दस बजे कर्सियाग के डब्लूबीएनवीएफ मैदान से फूलपाती सास्कृतिक शोभायात्रा समिति के तत्वावधान में निकाली गई। शोभायात्रा को शहर परिक्त्रमा मात्र कराते हुए तकरीबन एक घटे के अंदर ही समापन कर दिया गया। इस वर्ष विगत वषरें की भाति इस अवसर पर कोई अन्य कार्यक्त्रमों का आयोजन नहीं किया गया। इस शोभायात्रा में विविध संघ,संस्था,जात -गोष्ठी के लोगों की उपस्थिति थी। इसके अलावा भी कई संगठनों द्वारा इस वर्ष कर्सियाग में अलग-अलग फूलपाती सास्कृतिक शोभायात्रा निकालने का कार्य किया गया। शोभायात्रा में मालश्री गायन सहित जातीय संस्कृति पर आधारित नृत्य,झाकी आदि प्रस्तुत किया गया।इस वर्ष की शोभायात्रा में लोगों की कोई खास भीड़ नहीं दिखी।

शोभायात्रा में शामिल अधिकतर लोगों ने जातीय अस्तित्व व सास्कृतिक इकाई का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए जातीय पोशाक धारण की थी।

प्रत्येक वर्ष की भाति इस वर्ष भी यहा के राज राजेश्वरी भवन,वर्द्धमान रोड स्थित देवी मंदिर,गिद्ध पहाड स्थित देवी मंदिर,रामकृष्ण वेदात आश्रम,गोरखा जन पुस्तकालय,फाटक डाडा सहित कई जगहों पर दुर्गा पूजा का आयोजन भव्य रूपसे किया गया।

दूसरी ओर,विजयादशमी के दिन शुक्त्रवार 15 अक्टूबर के दिन से गोरखाओं का महान पर्व टीका आरंभ हो गया है। यह पर्व मनाने का रश्म पूर्णिमा तिथि तक चलता है।इस अवसर पर इस जाति के संपूर्ण लोग अपनों व रिश्तेदारों के घरों में जाते हैं व टीका का रश्म अदा करते हैं। इस पर्व पर घर के बड़े - बुजुर्ग अपने से छोटों को टीका लगाकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यथाशक्ति उन्हें नगद राशि भी देने का कार्य करते हैं। इस दौरान अपने रिश्तेदारों के घरों में टीका का रश्म अदा करने जाते वक्त मिठाई,फल व शराब आदि लेकर जाने का प्रचलन है।

टीका पर्व का महत्व इतना है कि देश-विदेश के विविध इलाकों में रहनेवाले इस जाति के अधिकतर सदस्य इस पर्व को मनाने के लिए अपने घर पहुंच जाते हैं।

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