जिले के दुआरे सरकार शिविर में लक्ष्मी भंडार का आवेदन आधे से ज्यादा

मोहनदाíजलिंग जिले के दुआरे सरकार शिविर में आधे से ज्यादा आवेदन लक्ष्मी भंडार योजना के लिए किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 02:00 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 02:00 PM (IST)
जिले के दुआरे सरकार शिविर में लक्ष्मी भंडार का आवेदन आधे से ज्यादा
जिले के दुआरे सरकार शिविर में लक्ष्मी भंडार का आवेदन आधे से ज्यादा

मोहन झा, सिलीगुड़ी : दाíजलिंग जिले के दुआरे सरकार शिविर में आधे से ज्यादा आवेदन लक्ष्मी भंडार योजना के लिए किया गया है। वहीं पाड़ाय समाधान शिविर में जिले के नागरिकों ने 37 करोड़ रुपये के विकास कार्य की माग की है। नागरिकों की माग पूरी करने के लिए दार्जीलिंग जिला प्रशासन ने 30 करोड़ रुपए राज्य सरकार से मांगा है।

बीते राज्य विधानसभा चुनाव के पहले 1 दिसंबर 2020 को तृणमूल सरकार ने नागरिकों के घर जा कर उनकी समस्या और उनके समाधान के साथ योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से दुआरे सरकार शुरू किया। तीसरी बार सत्ता में आने के बाद बीते अगस्त महीने से दुआरे सरकार शिविर की दूरी5 पारी शुरू हुई। इस कड़ी में 16 अगस्त से 15 सितंबर तक दार्जीलिंग जिले में भी शिविर लगाया गया। जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार दार्जीलिंग जिले में दुआरे सरकार की 1600 शिविर लगाया गया। इन 1600 शिविरों में 7 लाख से अधिक नागरिकों की उपस्थिति दर्ज की गई। जबकि राशन कार्ड से लेकर भत्ता योजनाओं का कुल मिलाकर 4 लाख 60 ह?ार आवेदन जमा हुए हैं। इनमें से 2 लाख 40 ह?ार आवेदन सिर्फ लक्ष्मी भंडार योजना के लिए जमा कराए गए हैं। यहा बताते चलें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गृहणियों को प्रति महीने 500 और 1000 रुपये देने के वादे को पूरा करने के लिए लक्ष्मी भंडार योजना की शुरुआत की है।

इधर, इसी क्रम में इलाके की समस्यों के समाधान के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार 16 से 31 अगस्त तक दार्जीलिंग जिले में पाड़ाय समाधान का शिविर लगाया गया। सरकार के निर्देशानुसार पाड़ाय समाधान शिविर में 5 लाख रुपये में समपन्न होने वाले कार्यो को ही स्थान दिया जाएगा। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक पाड़ाय समाधान शिविर में सड़क मरम्मती व निर्माण, जल निकासी व्यवस्था, पेय जल, सिटी बस सेवा आदि से जुड़े कुल 1000 कार्यो की माग नागरिकों ने किया है। इन कार्यो को पूरा करने के लिए 37 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। जिसमें से 7 करोड़ रुपये का काम जिला प्रशासन ने अपने फंड से करने के निर्णय लिया है। बाकी 30 करोड़ रुपये के कार्य की अनुमति के लिए योजना का रिपोर्ट राज्य सरकार के पास भेजा गया है।

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