अब नए तरीके से पुलिस को चकमा दे रहे हैं तस्कर

- ड्रग्स ऑन व्हील तरीके की शुरूआत -घर बैठे ही नशा मंगवा लेते हैं नशेड़ी -से नो टू ड्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:22 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:22 PM (IST)
अब नए तरीके से पुलिस को चकमा दे रहे हैं तस्कर
अब नए तरीके से पुलिस को चकमा दे रहे हैं तस्कर

- ड्रग्स ऑन व्हील तरीके की शुरूआत

-घर बैठे ही नशा मंगवा लेते हैं नशेड़ी

-से नो टू ड्रग्स अभियान को लगा रहे हैं पलीता 29

मई को गौरव शर्मा ने संभाला पुलिस कमिश्नर का पदभार

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महीने बाद ही अभियान की कर दी शुरूआत

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महीने बाद भी जारी है ड्रग्स तस्करों की गिरफ्तारी

ड्रग्स कारोबार का जाल-01

एक्सक्लूसिव मोहन झा, सिलीगुड़ी : कहते हैं न पुलिस डाल-डाल तो चोर पात-पात चलते हैं। सिलीगुड़ी के नशा कारोबारियों ने इस कहावत को फिर एक बार चरितार्थ कर दिया है। नशा कारोबार पर नकेल कसने के लिए सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस 'से नो टू ड्रग्स' अभियान चला रही है। पुलिस की सख्ती देखकर नशा तस्करों ने ड्रग्स ऑन व्हील का काम शुरु किया है। पुलिस को चकमा देने के लिए इन लोगों ने स्पीड का सहारा लिया है। मिली जानकारी के अनुसार ड्रग्स ऑन व्हील स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं को नशा कारोबार की तरफ बड़ी तेजी से आकर्षित कर रहा है।

करीब तीन महीना पहले 29 मई को आईपीएस गौरव शर्मा ने सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर का पदभार संभाला। पदभार संभालते ही उन्होंने शहर में चल रहे नशा कारोबार को जड़ से समाप्त करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का गठन किया। साथ ही शहर के आम लोगों को नशा कारोबार के खिलाफ खड़ा करने के लिए 'से नो टू ड्रग्स' अभियान की शुरुआत की। अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने इंटरनेट मीडिया के मार्फत पुलिस हेल्प लाइन नंबर जारी किया। ताकि नशा कारोबार से जुड़ी जानकारी कोई भी नागरिक कहीं से भी पुलिस को उपलब्ध करा सकें। इस अभियान में नागरिकों ने भी बढ़चढ़ कर पुलिस का साथ दिया। बीते तीन महीनों में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के सभी थानों की टीम और एसओजी ने नशा कारोबार से जुड़े अनगिनत लोगों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही गांजा, ब्राउन शुगर, अवैध कफ सिरप, नशीला टैबलेट, इंजेक्शन आदि जब्त कर रिकॉर्ड भी बनाया है। पुलिस की इतनी सख्ती के बाद भी नशा कारोबार की जड़ें अभी तक हिली नहीं। 'से नो टू ड्रग्स' अभियान के तीन महीने बाद भी रोजाना मादक पदार्थ समेत ड्रग्स तस्करों की गिरफ्तारी हो रही है। अब जो सूचना है उसके अनुसार तो नशा कारोबारियों ने पुलिस को चुनौती देने के लिए 'ड्रग ऑन व्हील' शुरु किया है।

क्या है ड्रग ऑन व्हील

तस्कर पहले मादक पदार्थ की खेप कारोबारी तक पहुंचाते हैं। फिर नशेड़ी अपनी खुराक खुदरा कारोबारी के पास से ले जाते। लेकिन पुलिस की सख्ती देखकर कारोबारी ही अब नशेड़ियों तक खुराक पहुंचा रहे हैं। खुराक पहुंचाने के लिए स्पीड का सहारा लिया है। ऑनलाइन के इस दौर में कपड़ा से लेकर भोजन अर्थात दैनिक जीवन से लेकर गाड़ी तक ऑनलाइन पर उपलब्ध है। इसी को संज्ञान में लेते हुए नशा कारोबारियों ने ड्रग ऑन व्हील अर्थात नशा का सामान ग्राहक के घर पर उपलब्ध करा रहे हैं। कीमती बाइक वाले युवा टार्गेट

कीमती और स्टाइल वाली बाइक खरीद कर सड़कों पर दौड़ाना युवाओं का शौक है। नशा कारोबारी ऐसे ही युवओं को टार्गेट कर रहे हैं। रेसिंग स्टाइल बाइक वाले युवा पॉकेट में ड्रग्स की एक छोटी सी पुड़िया लेकर नशेड़ी तक पहुंचा रहे हैं। एक पुड़िया पहुंचाने के लिए पंद्रह सौ से दो हजार रुपए तक डिलीवरी ब्यॉय को दिया जा रहा है। एक डिलीवरी पर दो हजार रुपये की लालच में स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले युवा नशा कारोबार की तरफ काफी आसानी से खिंचे चले आ रहे हैं। रेसिंग वाली स्टाइलिश बाइक की स्पीड के साथ बाइकर बड़ी ही आसानी से पुलिस को चकमा देकर ड्रग्स को ग्राहक तक पहुंचा रहे हैं।

सीओडी की भी सुविधा

ऑनलाइन खरीदारी में कैश ऑन डिलीवरी सीओडी की भी सुविधा है। अधिकांशत: ग्राहक सामान पहुंचाने वाले डिलीवरी ब्यॉय के हाथ में कीमत की रकम अदा करते हैं। लेकिन ड्रग ऑन व्हील पहुंचाने वालों को डिलीवरी चार्ज पहले ही मिल जाता है।

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