फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के एक और मामले का भंडाफोड़

-पुलिस ने आरोपी को शिव मंदिर इलाके से दबोचा -बड़ी मात्रा में पैड और आरटी पीसीआर रिपोर्ट

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:31 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:31 PM (IST)
फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के एक और मामले का भंडाफोड़
फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के एक और मामले का भंडाफोड़

-पुलिस ने आरोपी को शिव मंदिर इलाके से दबोचा

-बड़ी मात्रा में पैड और आरटी पीसीआर रिपोर्ट बरामद

-जिस मरीज की जांच की पता नहीं क्या है उसकी स्थिति

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : एक तो न दिखने वाला कोरोना वायरस महामारी से लोग मुकाबला कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर इस आतंकित काल में भी फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाकर कुछ लोग मालामाल हो रहे हैं। इस तरह के कई मामले सामने आने के बाद सिलीगुड़ी शहरवासियों की परेशानी बढ़ गई है। इसी कड़ी में घर-घर जाकर सैंपल संग्रह कर फर्जी कोरोना रिपोर्ट मुहैया कराने का एक और मामला सामने आया है। गुप्त सूचना के आधार पर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (डीडी) और माटीगाड़ा थाना की पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर फर्जी रिपोर्ट बनाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपित को शुक्रवार सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया।

गुप्त सूचना के आधार पर शुक्रवार सुबह डीडी और माटीगाड़ा थाना की पुलिस की संयुक्त टीम ने शिव मंदिर इलाके में अभियान चलाकर आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपित का नाम इंद्रजीत कुमार (39) बताया गया है। आरोपित के पास से पुलिस टीम को कई फर्जी आरटी पीसीआर रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। आरोपित को शुक्रवार सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे पांच दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा है। दवा दुकान बंद कर शुरू किया फर्जी धंधा

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपित इंद्रजीत कुमार मूल रुप से मालदा जिले के रतुआ थाना अंतर्गत अढ़ाईडांगा इलाके का निवासी है। लेकिन वह बीते करीब पांच वर्षो से सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा थाना अंतर्गत शिव मंदिर के इंदिरापल्ली इलाके में किराए के मकान में रहता है। इसके साथ ही भक्ति नगर थाना अंतर्गत घुघुमाली के चयनपाड़ा इलाके में आरोपित की एक दवा दुकान भी है। दुकान का नाम हितैषी मेडिसीन कॉर्नर व हितैषी डायगनॉस्टिक सेंटर बताया गया है। लेकिन यह दुकान बीते छह महीनों से बंद पड़ा है। आरोपित के पास से पुलिस को यूनिवर्सल डायगनॉस्टिक सेंटर का लेटर पैड बरामद किया है। घर-घर जाकर सैंपल संग्रह

पुलिस की मानें तो कोरोना का दूसरी लहर शुरु होते ही आरोपित ने घुघुमाली स्थित दवा की दुकान को बंद कर कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाने का धंधा शुरु कर दिया। अपने दवाई दुकान से ही डायगनॉस्टिक जांच का धंधा चलाने की वजह से उसे इस प्रकार का फर्जीवाड़ा करने में ज्यादा परेशानी भी नहीं हुई। कोरोना की जांच के लिए वह घर-घर जाकर सैंपल संग्रह करता था। फिर उस सैंपल की जांच कराए बगैर ही यूनिवर्सल डायगनॉस्टिक सेंटर के लेटर हेड वाले पैड पर फर्जी रिपोर्ट प्रिंट कर जांच के लिए नमूना देने वाले को मुहैया कराता था। अधिक रकम की भी वसूली

आरोपी फर्जी रिपोर्ट मुहैया कराने के बदले कोरोना जांच के लिए निर्धारित रकम से कहीं अधिक रुपया भी वसूलता था। बीते छह महीनों में आरोपित ने फर्जी रिपोर्ट के जरिए कितनों को चूना लगाया और फर्जी रिपोर्ट के सहारे इलाज कराने वाले लोगों की स्थिति जानने के लिए पुलिस ने जांच शुरु की है। इसी क्रम में पुलिस आरोपित से गहन पूछताछ शुरु कर दी है। क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

इस संबंध में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के डीसीपी (पश्चिम) कुंवर भूषण सिंह ने बताया कि कोरोना की फर्जी रिपोर्ट थमाकर ठगी करने के आरोप में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित को शुक्रवार अदालत में पेश किया गया है। अदालत के निर्देशानुसार आरोपित को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरु की गई है। पहले भी हो चुका है ऐसा फर्जीवाड़ा

यहां बताते चलें कि अभी पंद्रह दिन पहले ही सिलीगुड़ी में कोरोना की फर्जी रिपोर्ट थमाकर ठगी का मामला सामने आया था। उस मामले में मरीज की स्थिति बिगड़ने से परिवार वाले रिपोर्ट के लिए स्वयं ही लैब पहुंच गए, जहां उन्हें मालूम हुआ कि सैंपल लैब पहुंचा ही नहीं। इसके बाद परिवार वालों ने आरोपित को पुलिस के हवाले किया।

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