जमा धन से सिर्फ बचत होती है, वृद्धि के लिए निवेश जरूरी

गुजरात से आए जाने-माने धन प्रबंधन सलाहकार हितेश माली ने कहा कि जमा धन से सिर्फ बचत होती है। समृद्धि के लिए निवेश जरूरी है। समृद्धि कैसे आए, जानें माली के विचार।

By Rajesh PatelEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 11:11 AM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 11:11 AM (IST)
जमा धन से सिर्फ बचत होती है, वृद्धि के लिए निवेश जरूरी
जमा धन से सिर्फ बचत होती है, वृद्धि के लिए निवेश जरूरी
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। देश के जाने-माने धन प्रबंधन विशेषज्ञ हितेश माली ने कहा कि जमा धन थमा धन होता है। इससे बचत होती है। वृद्धि नहीं। निवेश से ही आपके धन में वृद्धि होती है। समृद्धि आती है। वे यहां धन प्रबंधन व निवेश सत्र 'कुबेर मंत्रा-2018' पर आधारित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।उत्तर बंगाल के जाने-माने निवेश सेवा प्रदाता 'प्रवीण अग्रवाल' की ओर से इसका आयोजन किया गया था।
उन्होंने कहा कि धन से ही धन होता है। यह हम सब जानते हैं। मगर, कभी भी गौर नहीं करते कि धन से धन आखिर होता कैसे है? इसका पारंपरिक तरीका तो व्यवसाय व धन संचय है। मगर, व्यवसाय हर कोई कर नहीं सकता आर धन संचय से धन में अपेक्षित वृद्धि होती नहीं है। इसलिए इस पर गौर करना जरूरी है। धन संचय से धन की बचत होती है, वृद्धि नहीं। थमा हुआ धन थमा ही रह जाता है। जबकि चलाया गया धन चलता रहता है, बढ़ता रहता है।
हितेश माली ने आगे कहा कि अब सवाल यह है कि घर में अथवा सावधि जमा के तहत 'जमा' बल्कि वास्तव में 'थमा' धन को कैसे चलाएं कि अपनी समृद्धि की गाड़ी की चल पड़े? धन में अपेक्षित वृद्धि हो और हमारी समृद्धि हो। इसके लिए उन्होंने म्युचुअल फंड व सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश को बेहतर करार दिया।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सिलीगुड़ी में निवेश के बेहतर माध्यम 'प्रवीण अग्रवाल' से संपर्क करें। वे निवेश में महारत रखते हैं। उत्तर बंगाल के जाने-माने निवेश सलाहकार हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। प्रवीण अग्रवाल निवेश के इच्छुक लोगों को निवेश के माध्यम से समृद्धि का बेहतर रास्ता दिखाने में बहुत सक्षम हैं। इस दिशा में वह सिलीगुड़ी ही नहीं पूरे उत्तर बंगाल व पूर्वोत्तर भारत में भरोसेमंद नाम हैं।
इस अवसर पर मुंबई से आए प्रेरक वक्ता पवन अग्रवाल ने विश्वप्रसिद्ध मुंबई के डब्बा वाला समूह के श्रृंखलाबद्ध प्रबंधन व संचालन के विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। केवल सही सूझ-बूझ के साथ उसे किया जाए तो उसमें सफलता अवश्यंभावी है। डब्बा वालों के संचालन की प्रक्रिया को समझाते हुए उन्होंने कहा कि इसमें अनुशासन का बड़ा महत्व है, जो हम सभी को अनुशासन का पाठ पढ़ाता है। कोई भी काम करें पर अनुशासन के बिना प्रगति संभव नहीं। याद रहे कि अनुशासन ही सफलता दिलाता है। इस धन प्रबंधन सत्र में सैकड़ों लोग सम्मिलित हुए।  
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