डेंगू ना बरपाए कहर, हो जाइए होशियार
-घर व आसपास रखें सफाई का ख्याल कहीं न हो जल जमाव -मच्छरों को पनपने से रोकें मच्छ
-घर व आसपास रखें सफाई का ख्याल, कहीं न हो जल जमाव
-मच्छरों को पनपने से रोकें, मच्छरनाशक हर उपाय अपनाएं इरफान-ए-आजम, सिलीगुड़ी : गत दिनों हुई भारी वर्षा के बाद मच्छरों के प्रकोप के साथ ही साथ अब डेंगू का खतरा भी बढ़ गया है। माटीगाड़ा, नक्सलबाड़ी व दूधिया इलाके में बत दो दिनों में डेंगू के छह नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में डेंगू से बचे रहने के लिए होशियारी बरतना यानी सतर्क रहना बहुत जरूरी है। शहर के जाने-माने जेनरल फीजिशियन डॉ. एस. के. चौधरी कहते हैं कि यदि व्यक्ति सजग रहे तो डेंगू से बहुत हद तक बचा जा सकता है। इस बारे में पेश हैं आवश्यक जानकारी। डेंगू क्या है?
डेंगू मच्छरजनित एक खतरनाक रोग है। यह डेंगू के वायरस के कारण उत्पन्न होता है। डेंगू मच्छर (एडिस एजिप्शिया) के काटने के तीन दिन से लेकर सप्ताह या दो सप्ताह के अंदर व्यक्ति में डेंगू के लक्षण सामने आने लगते हैं। डेंगू के चलते मनुष्य के शरीर के रक्त के सबसे अहम अवयव 'प्लेटलेट्स' धीरे-धीरे कम होते जाते हैं और उसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।
क्या हैं लक्षण?
बुखार, सर दर्द, मांस पेशियों व हड्डी के जोड़ों में दर्द, त्वचा में दिदोरा, लाल चकत्ता व फटन, मुंह व नाक से लार व द्रव्य स्त्राव, जी मितलाना, उल्टी-उल्टी लगना, डायरिया आदि।
क्या हैं कारण?
एडिस इजिप्शिया नामक मच्छर के काटने से डेंगू का वायरस मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि डेंगू का मच्छर आम तौर पर सूर्योदय व सूर्यास्त के आसपास काटता है। डेंगू पीड़ित किसी व्यक्ति के संक्रमित रक्त को अच्छे व्यक्ति को चढ़ा दिए जाने से भी उस व्यक्ति को डेंगू हो सकता है।
क्या करें?
डेंगू के ऊपरोक्त लक्षण नजर आते ही तुरंत निकट के सरकारी अस्पताल अथवा विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें। समय रहते डेंगू का इलाज संभव है अन्यथा यह जानलेवा सिद्ध हो सकता है।
यह भी है जरूरी
अपने घर व आसपास साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें। कहीं भी किसी भी जगह या पात्र में जल जमाव न होने दें। मच्छरनाशक उपायों का हरसंभव इस्तेमाल करें।