महामारी से बचने के लिए अंधविश्वास के चक्कर में पड़ी महिलाएं

- कोरोना को देवी मानकर नदी किनारे पूजापाठ - मास्क लगाने की अनदेखीशारीरिक दूरी भी नह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 07:04 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 07:04 PM (IST)
महामारी से बचने के लिए अंधविश्वास के चक्कर में पड़ी महिलाएं
महामारी से बचने के लिए अंधविश्वास के चक्कर में पड़ी महिलाएं

- कोरोना को देवी मानकर नदी किनारे पूजापाठ

- मास्क लगाने की अनदेखी,शारीरिक दूरी भी नहीं

- बीमारी भगाने के चक्कर में संक्रमण बढ़ने का खतरा

- नगर निगम व जिला प्रशासन भी जान कर भी अनजान

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: जहा एक ओर पूरा विश्व कोरोना वायरस के महामारी से जूझ रहा है, वहीं कुछ लोग कोरोना वायरस के नाम पर अंधविश्वास फैलाने में लगे हैं। इसमें वह तेजी से सफल भी हो रहे हैं। ऐसा ही नजारा शुक्रवार को सिलीगुड़ी समेत महकमा के विभिन्न नदियों के किनारे देखने को मिला। बड़ी संख्या में महिलाएं अंधविश्वास के चक्कर में कोरोना को देवी मानकर पूजा पाठ करने में लग गई। हद तो यह है कि पूजा के दौरान ना वे चेहरे पर मास्क था और ना शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया गया। इन महिलाओं को इस बात का जरा भी एहसास नहीं है कि ऐसा कर कोरोना को भगा नहीं रही हैं, बल्कि अपने साथ वह पूरे परिवार को जोखिम में डाल रही है। कई महिलाओं से बात करने पर बताया कि महीनों से देश दुनिया को परेशान करने वाली कोरोना मैया पूजा के बाद उनके ओर उनके परिवार की रक्षा करेंगी। इस अंधविश्वास को लेकर शहर के विधायक व नगर निगम के प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि इस प्रकार की पूजा घातक है। इसे रोकना होगा। ऐसा नहीं करने पर लोग कोरोना से संक्रमित हो जाएंगे। इसके लिए उस क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे। टाउन काग्रेस के नेता राजेश यादव का कहना है कि अंधविश्वास के खिलाफ प्रशासन सख्ती से करवाई करे। इसकी माग एसडीओ और सिलीगुड़ी पुलिस अधिकारियों से करेंगे। विज्ञान मंच की ओर से शकर घोष का कहना है कि इस अंधविश्वास को तोड़ने के लिए जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। पूजा करने वाली महिलाओं ने बताया कि बिहार में कोरोना ने एक महिला का रूप धारण कर लोगों से उसकी पूजा करने को कहा है। उसके बाद से हर जगह कोरोना की पूजा हो रही है।

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