कोराना ने ली कांग्रेस नेता की बलि,एक दिन में 65 नए मामले
-मंत्री के घर के निकट फिर मिला एक संक्रमित मरीज - निगम बोर्ड के सदस्य ने व्यवस्था पर उठाय
-मंत्री के घर के निकट फिर मिला एक संक्रमित मरीज
- निगम बोर्ड के सदस्य ने व्यवस्था पर उठाया सवाल
-बेडों की सही संख्या लोगों को उपलब्ध कराने की मांग
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को कोरोना ने कांग्रेस नेता उदय दुबे की बलि ले ली। इसके अलावा शहर व आसपास में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) के लगभग 65 नए मामले भी सामने आए हैं। नए मामलों में सिलीगुड़ी शहर के लगभग हरेक इलाके के लोग शामिल हैं। इन सभी को सिलीगुड़ी स्थित कोविड-19 स्पेशल हॉस्पिटलों में भर्ती कराया गया है।
इस दिन कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) के एक रोगी की मौत की भी खबर है। यह निधन शहर के जाने-माने संस्कृति कर्मी व काग्रेस के वरिष्ठ नेता उदय दुबे का बताया गया है। उनका निधन सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में हुआ है।
दूसरी ओर, इस दिन सिलीगुड़ी के कोविड-19 अस्पतालों व नìसग होम में चिकित्साधीन रहे कोविड-19 के 37 मरीजों के स्वस्थ हो जाने पर छुट्टी देकर उन्हें घर भेज दिया गया।
इस बीच,शहर के वार्ड 17 में मंत्री गौतम देव के घर के निकट फिर एक कोरोना संक्रमित पाए जाने से शुक्रवार सुबह से ही कोरोना से वचाव के तरीके की घोषणा गूंजने लगी। पूरे वार्ड को सैनिटाइज किया जाने लगा। वार्ड कमेटी के सदस्य इसको लेकर काफी तत्पर दिख रहे थे। इसके साथ ही सुभासपल्ली बाघाजतीन इलाके को भी सैनिटाइज किया गया। शाम होते ही एएसपी ईस्ट स्वपन सरकार के नेतृत्व में पुलिस इस पूरे इलाके में धड़-पकड़ अभियान चला रही है। इधर,नगर निगम प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य व स्वास्थ्य विभाग देख रहे शकर घोष ने कोरोना महामारी काल में चिकित्सा व्यवस्था के आंकड़ो पर सवाल उठाया है। घोष ने बताया कि राज्य सरकार के स्वास्थ्य वेबसाइट पर दाíजलिंग जिले में सरकारी अस्पतालों को छोड़ निजी अस्पतालों में कोरोना चिकित्सा की सूची दी गई है। इस सूची में कई ऐसे नìसग होम के नाम हैं जिसके बारे में यहा के लोग जानते तक नहीं। निजी और सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस से इलाज के लिए की गई बेड की व्यवस्था और कितने बेड लोगों को उपलब्ध हो सकते हैं इसकी जानकारी होनी चाहिए। कोरोना मरीज को नìसग होम में भर्ती नहीं करने पर कोलकोता में कई लोगों की जान गई है। उसे ध्यान में रखते हुए यहा स्वास्थ्य व्यवस्था को खुली किताब की तरह आम लोगों के सामने रखा जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने से आज लोग स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चिंतित और भयभीत हैं। कोरोन अस्पताल में भी वही लोग पहुंच पा रहे हैं जो कहीं ना कहीं से पैरवी करा रहे हैं। 40 हजार में एक इंजेक्शन,फिर भी नहीं बची जान
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: शहर के जलपाइमोड स्थित शिव बिल्डर्स के मालिक बिनोद अग्रवाल की मौत मात्र 43 वर्ष की उम्र में कोरोना संक्रमण के कारण हो गयी। उसे बचाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दिल्ली से 40 हजार रुपये का एक इंजेक्शन मंगाकर लगवाया परन्तु जान नहीं बची। उसके बड़े भाई सुशील अग्रवाल व राजू अग्रवाल ने बताया कि बुखार,सर्दी और खासी की समस्या थी। परिवार वालों ने निवेदिता नìसग होम में भर्ती कराया। कोरोना जाच की गई। रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर ने कहा कि यह इंजेक्शन जरूरी है। उसके बाद वह सिलीगुड़ी बाजार में नही दिल्ली में मिलने की बात भी बताई गई। दिल्ली से रिश्तेदार को कहकर विमान से यह दवा 40 हजार में मिला। उसे लाकर दिया और लगाया भी गया परन्तु वह दुनिया को अलविदा कर दिया।