तीन और डॉक्टर कोरोना की चपेट में,दस मरीजों ने जीती जिंदगी की जंग

-एक दिन में आए कोरोना के कुल पांच नए मामले -संपर्क में आने वालो की तलाश शुरू जागरण स

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 08:42 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 08:42 PM (IST)
तीन और डॉक्टर कोरोना की चपेट में,दस मरीजों ने जीती जिंदगी की जंग
तीन और डॉक्टर कोरोना की चपेट में,दस मरीजों ने जीती जिंदगी की जंग

-एक दिन में आए कोरोना के कुल पांच नए मामले

-संपर्क में आने वालो की तलाश शुरू

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल में कोरोना वायरस के चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शनिवार को सिलीगुड़ी तथा आसपास के इलाके में तीन डॉक्टरों सहित पांच लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं। जबकि आज ही दस मरीजों ने कोरोना के खिलाफ जिंदगी की जंग जीत चुके हैं। इन सभी को माटीगाड़ा स्थित कोविड-19 अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार इन तीन डॉक्टरों में एनबीएमसीएच के एक एसिस्टेंट प्रोफेसर तथा एक इंटर्न शामिल हैं। जबकि एक अन्य डॉक्टर शहर के एक प्राइवेट अस्पताल के दंत चिकित्सक बताए गए हैं। वहीं एक अन्य मरीज सिलीगुड़ी के आसीघर निवासी बताया गया है। वह सेठ श्रीलाल मार्केट स्थित एक कपड़े की दुकान में काम करता है। जबकि एक अन्य मरीज फूलबाड़ी इलाके का है। बताया गया कि इन सभी मरीजों को इलाज के लिए माटीगाड़ा के निकट हिमाचल बिहार अंतर्गत कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया गया है।

सेठ श्रीलाल मार्केट के एक दुकान के कर्मचारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबर सुनकर बाजार के अन्य व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी। एनबीएमसीएच तथा दार्जिलिंग जिला स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इन डॉक्टरों के संपर्क में आने वाले लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार पिछले पांच दिन के अंदर एनबीएमसीएच तथा कोविड-19 अस्पताल के डॉक्टर, अधीक्षक, तकनीशियन समेत 15 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।

दूसरी ओर शनिवार शाम को ठीक होने के बाद दस मरीजों को कोविड 19 अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दार्जिलिंग के जिलाधिकारी एस पोन्नाबलम ने इसकी पुष्टि भी की है।

कोरोना के लगातार बढ़ते मामले ने उड़ाई स्वास्थ्य विभाग की नींद

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बड़ी खबर

- कावाखाली सारी अस्पताल हुआ अब कोविड-19 अस्पताल

-उत्तर बंगाल में कई और निजी अस्पतालों का अधिग्रहण

-शहर में अब फ‌र्स्ट स्टेज कोविड अस्पताल की तलाश शुरू

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल में जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसे देखते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिलीगुड़ी के कावाखाली के निकट सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) यानी फ‌र्स्ट स्टेज कोविड-19 अस्पताल पूर्ण कोविड 19 अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। अब यहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज होगा। इसे लेबल दो से लेबर चार में परिवर्तित करते हुए कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित किया गया है। हालांकि जब इसे कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित कर दिया गया है, तो सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) यानी फस्ट स्टेज कोविड-19 अस्पताल कहां होगा, इसके बारे में कोई जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं दी गई।

इसके अलावा अलीपुरद्वार के 100 बेड वाले तापसीकंथा आयुष अस्पताल को लेबल चार के साथ सौ बेड वाले कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया है। यहां सिर्फ कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज होगा। इसी तरह से कूचबिहार जिले के कूचबिहार मिशन अस्पताल को लेबल दो सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) यानी फस्ट स्टेज कोविड-19 अस्पताल को लेबल चार का दर्जा बढ़ाते हुए कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित किया गया है। प्रयास अत्रेयी हॉस्पिटल, दक्षिण दिनाजपुर को 30 बेडों वाले कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया है तथा वहां पर सिर्फ कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज होगा।

वहीं दूसरी ओर दार्जिलिंग के त्रिवेणी टूरिस्ट लॉज, लामाहाटा को लेबल दो के तहत 150 बेड वाले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) यानी फस्ट स्टेज कोविड-19 अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया गया है, तो मालदा के मानिकचक स्थित मॉडर्न स्कूल को 50 बेड वाले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) यानी फस्ट स्टेज कोविड-19 अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से उत्तर बंगाल में कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे थे इसे देखते हुए सिलीगुड़ी में एक और कोविड-19 अस्पताल की आवश्यकता बढ़ने लगी थी। इसके अलावा कालिम्पोंग, जलपाइगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार तथा दक्षिण दिनाजपुर जिले के कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को सिलीगुड़ी के ही कोविड-19 अस्पताल में भेजा जाता था। इन जिलों में कोविड-19 अस्पताल चालू हो जाने से यहां पर उन जिलों के मरीजों को भेजने की जरूरत नहीं होगी।

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