लोगों की लापरवाही ना पड़ जाए जान पर भारी

-शहर तथा आसपास कोरोना ने फिर पकड़ी रफ्तार -नए मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 07:13 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 07:18 PM (IST)
लोगों की लापरवाही ना पड़ जाए जान पर भारी
लोगों की लापरवाही ना पड़ जाए जान पर भारी

-शहर तथा आसपास कोरोना ने फिर पकड़ी रफ्तार

-नए मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी 01

सप्ताह से मामलों में आ रही थी कमी

50

से कम केस आने से राहत मिली थी

03

फीसदी है इस क्षेत्र की पॉजिटिविटी दर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : लॉकडाउन में छूट की प्रक्रिया के बाद लगातार लोगों की लापरवाही बढ़ रही है। यही स्थिति रही तो यह लापरवाही आने वाले दिनों में कहीं जान पर भारी ना पड़ जाए। क्योंकि कोरोना वायरस मामलों में जिस तरह से उतार-चढ़ाव का दौर शुरू हो चुका है, यह एक तरह से खतरे की घंटी है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि लगातार नए मामलों में कमी के बाद शहर तथा आसपास के क्षेत्र में कोरोना ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक सप्ताह से सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में कोरोना के 50 अथवा उससे कम मामले सामने आ रहे थे। सुकना का क्षेत्र जो कोराना के हॉट-स्पॉट बनता जा रहा था, वहां भी तीन-चार दिनों से एक भी कोराना का नया मरीज नहीं मिला। कम होते मामलों से लोगों में एक उम्मीद की किरण दिखने लगी थी। लग रहा था कि अब कोरोना हार जाएगा। हालांकि यह सिलसिला ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रह सका। बीते बुधवार को सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में कोरोना के मामले अचानक बढ़ गए। इस बढ़ोत्तरी के कारण जिला स्वास्थ्य विभाग भी सकते में आ गया है। चिंता का सिर्फ यही कारण नहीं है। दार्जिलिंग तथा कालिंपोंग जिले में ऐसे ही पूरे राज्य के मुकाबले कोरोना पॉजिटिविटी काफी अधिक है। दरअसल ऐसा लापरवाही के कारण ही हो रहा है। लोग मास्क लगाने के प्रति तो उदासीन होने ही लगे हैं,साथ ही शहर में अधिकांश स्थानों पर भीड़ बढ़ने लगी है। बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों पर अब कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जाने लगी है।

पिछले दिनों सिलीगुड़ी के राज्य अतिथि निवास में हुई स्वास्थ्य विषयक बैठक में भी स्वास्थ्य अधिकारियों ने दार्जिलिंग व कालिंपोंग जिले में पूरे राज्य की 1.9 की तुलना में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट तीन प्रतिशत बताया था। तब अधिकारियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कहा कि कोविड-19 प्रोटोकाल का अनदेखी कर रहे हैं, तथा बिना मास्क व शारीरिक दूरी बनाए हुए भीड़ का हिस्सा बनते जा रहे हैं। इससे कोरोना पर विजय पाना नामुमकिन सा दिख रहा है।

उत्तर बंगाल में जन-स्वास्थ्य मामलों को देखने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी डॉ सुशांत कुमार राय का कहना है कि उन्हें खुद लोगों द्वारा शिकायत मिली है कि सिलीगुड़ी के तेनजिंग नोर्गे बस स्टैंड के पास लोग कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वह आवश्यक कदम उठाएं कि वहा उचित तरीके से कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन किया जाए। रेलवे स्टेशनों पर कम से कम थर्मल स्क्रीनिंग से लोगों की चेकिंग होनी चाहिए। डॉ राय के इस बयान से जाहिर है कि बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों पर कैसे कोरोना प्रोटोकॉल की अनदेखी की जा रही है। ऐसे करेंगे तो कैसे काम चलेगा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार जन-जीवन को सामान्य बना रही है, इसका यह मतलब नहीं है कि लोग बिना मास्क का लगाए ही भीड़ का हिस्सा बनने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के गाइड-लाइन का अनदेखी करने का मतलब अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। लोग खुद ही भीड़ का हिस्सा होने लगे हैं। एक बाइक पर तीन-तीन लोग बैठ कर बिना डर-भय के धड़ल्ले से जा रहे हैं।

उनका कहना है कि सबसे पहले लोगों को यह समझना होगा कि अभी कुछ सामान्य नहीं है। लॉकडाउन में जहां सबकुछ बंद था, वहीं अब लोगों को राहत दी गई है, ना कि सब कुछ सामान्य किया गया है। कोरोना वायरस से बचने के लोगों को हर हाल में शारीरिक दूरी बनाकर रहना होगा। घर से बाहर निकलने के बाद हर समय मास्क से मुंह तथा नाक ढका रहना चाहिए। किसी से बात भी कर रहे हैं, तो मास्क नहीं हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर एक व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है तो वह 10 लोगों को संक्रमित कर चुका होता है। इससे खुद को बचने तथा दूसरों को बचाने के लिए मास्क का उपयोग करना नहीं भूलना चाहिए, कहीं भी किसी भीड़ का हिस्सा ना बनें। यह सब लोगों के अंदर खुद का विवेक होना चाहिए।

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