दक्षिण सिक्किम के जारोंग में होती कॉफी की खेती

-गांव के युवा किसान पर्शु वालिंग पिछले तीन वर्ष से कर रहे हैं खेती -कम मेहनत में बेहतर उत्पादनस

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:41 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:41 PM (IST)
दक्षिण सिक्किम के जारोंग में होती कॉफी की खेती
दक्षिण सिक्किम के जारोंग में होती कॉफी की खेती

-गांव के युवा किसान पर्शु वालिंग पिछले तीन वर्ष से कर रहे हैं खेती

-कम मेहनत में बेहतर उत्पादन,साल में दो बार पौधों में देना होता है खाद-पानी

-बिक्री को गंगटोक समेत विभिन्न बाजार में ले जाते

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जगन दाहाल, गंगटोक: सिक्किम जैविक राज्य होने के साथ ही दक्षिण सिक्किम के बर्फूंग विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जारोंग ग्राम पंचायत इकाई में कॉफी की खेती जाती है। शनिवार को जब जागरण संवाददाता ने कॉफी का उत्पादन करने वाले कृषक पर्शु वालिंग ने भेट कर कॉफी की खेती के संबंध में बातचीत की तो युवा कृषक ने बताया कि उन्होंने जब से खेती करना शुरू की तो सबसे पहले तो वह साग सब्जी की खेती करते थे। इसके साथ ही उन्होंने कॉफी की भी खेती शुरू कर दी। कॉफी उत्पादन कुछ यूं होना शुरू हुआ उनको कॉफी की खेती पसंद आ गई। यदि सरकार और विभाग की ओर से कॉफी के किसानों को सहयोग मिले तो जारोंग गाव कॉफी की खेती व्यवसाय में उत्कृष्ट बन सकता है।

कृषक पर्शु वालिंग ने बताया कि पिछले तीन वर्ष से वह कॉफी की खेती कर रहे हैं। अपने बगीचे में करीब एक सौ पौधे लगाकर कॉफी की खेती की शुरुआत की थी। पिछले वर्ष बगीचे में उत्पादित कॉफी की बहुत ही बेहतर बिक्री हुई। उन्होंने बताया कि कृषि उत्पाद वह गंगटोक समेत अन्य स्थानों पर बिक्री करते हैं। इस वर्ष भी लोअर जारोंग से गंगटोक में कॉफी बेची गयी। उन्होंने बताया कि उत्पादित कॉफी को गंगटोक समेत विभिन्न बाजारों में बिक्री के लिए ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि जब कॉफी के पौधे में फल निकलना शुरू होते हैं तो उसकी सुगंध इतनी मनमोहक होती है कि पूरा वातावरण सुगंधमय हो जाता है। उन्होंने कहा कि कॉफी की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार खासतौर से कृषि विभाग की ओर से प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उनकी देखादेखी गांव के कई किसान कॉफी की खेती करने का मंसूबा बनाए हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में दक्षिण सिक्किम के बर्फूंग विस क्षेत्र अधीन जारोंग ग्राम पंचायत की ख्याति पूरे देश में होगी। उन्होंने बताया कि उनके बगीचे में उत्पादित कॉफी की मांग भी बढ़ी है।

सिक्किम में कॉफी पीने के शौकीन लोग तो अधिक है। यह छोटा सा राज्य है और यहा के किसान जैविक खाद का प्रयोग कर कॉफी का उत्पादन करते है। यहा उत्पादित कॉफी को देश भर में बिक्री के लिए भेजा जाता है।

कॉफी पीने के शौकीन लोग अभी तक विभिन्न ब्राड के रूप में बाजार में बिकने वाली कॉफी के स्वाद से ही वाकिब हैं। मगर दक्षिण सिक्किम के जोरोंग में कॉफी की खेती होती इससे अभी बहुत कम ही लोग वाकिब हैं। कॉफी की खेती अलग तरीके से होती है और किसान इसे जीविकोपार्जन के रूप में अपना भी रहे हैं।

विदित हो कि कॉफी व चाय पीने का चलन तो वैसे अंग्रेजी हुकूमत के समय से जारी है। संभ्रांत परिवारों में बहुतायत में चाय की जगह कॉफी का ही सेवन किया जाता है। कॉफी पीने के शौकीन लोग अधिकतर पैकेट या डिब्बे में पैक कॉफी पाउडर खरीदते हैं। लोगों को इस बात की बहुत कम जानकारी है कि कॉफी की भी खेती होती है।

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फोटो 01- कृषक पर्शु वालिंग

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