एक दिन में आठ बच्चों की मौत

सिलीगुड़ी के एनबीएमसीएच में एक दिन में आठ बच्चों की मौत

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 10:59 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 10:59 PM (IST)
एक दिन में आठ बच्चों की मौत
एक दिन में आठ बच्चों की मौत

-गत 24 घटे में बाल रोग वार्ड में भर्ती कराए गए हैं 31 बच्चे

-वहीं, इसी दौरान 31 बच्चों के स्वस्थ हो जाने की भी है खबर जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दुर्गोत्सव को ले एक ओर जहां सर्वत्र हर्ष व उल्लास का माहौल है वहीं दूसरी ओर एक दर्दनाक खबर भी है। वह यह कि नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। गत 24 घंटों के अंदर एनबीएमसीएच में आठ बच्चों की मौत हुई है। मरने वालों में माल बाजार का एक मात्र सात माह का नन्हा मासूम भी शामिल है। बताया गया है कि सेप्सिस और सांस की गंभीर तकलीफ के चलते उसकी मौत हुई है। उसे बीते छह अक्टूबर को भर्ती कराया गया था। वहीं, अन्य बच्चों की मौत के कारणों में सेप्सिस, समय से पहले जन्म और जन्म के समय कम वजन आदि शामिल है।

एनबीएमसीएच के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जलपाईगुड़ी के एक माह चार दिन उम्र के एक बच्चे की मौत गंभीर सेप्सिस, समय से पहले जन्म व कम वजन के कारण हुई है। वहीं, बिहार के 13 दिन के एक बच्चे की आंतों में रुकावट के ऑपरेशन के उपरांत उत्पन्न समस्या के चलते मौत हुई है। बागडोगरा के दो दिन के बच्चे व जलपाईगुड़ी के बानरहाट के पांच दिन के एक बच्चे और नागराकाटा के 12 दिन के एक बच्चे की मौत का कारण समय से पहले जन्म व कम वजन रहा। फांसीदेवा के दो दिन के बच्चे की मौत सेप्सिस व असमय जन्म एवं कम वजन के चलते हुई। नक्सलबाड़ी के एक 11 दिन के बच्चे की मौत का कारण हर्शस्प्रुंग रोग रहा। इस रोग में बच्चे की आंत जाम रहती है व शौच नहीं हो पाता है।

इस बीच, गत 24 घटे में सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में 31 बच्चों को बाल रोग वार्ड में भर्ती कराया गया है, जिनमें से आठ बुखार और सांस की समस्या से पीड़ित हैं। उनमें चार बच्चों को एनबीएमसीएच रेफर कर दिया गया है। इसी दौरान सांस की समस्या से इतर अन्य रोगों से पीड़ित 31 बच्चों के स्वस्थ हो जाने पर उन्हें छुट्टी दे घर भी भेज दिया गया है।

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