32 करोड़ की जीएसटी चोरी का पर्दाफाश,कारोबारी गिरफ्तार

जागरण इंपैक्ट -बचाने के लिए कोलकाता से विमान से आए कई वकील -कोर्ट में काम नहीं आई दली

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 08:51 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 09:08 PM (IST)
32 करोड़ की जीएसटी चोरी का पर्दाफाश,कारोबारी गिरफ्तार
32 करोड़ की जीएसटी चोरी का पर्दाफाश,कारोबारी गिरफ्तार

32 करोड़ की जीएसटी चोरी का पर्दाफाश,कारोबारी गिरफ्तार

जागरण इंपैक्ट

-बचाने के लिए कोलकाता से विमान से आए कई वकील

-कोर्ट में काम नहीं आई दलीलें और भेज दिया जेल

-सीजीएसटी की बड़ी कार्रवाई से कई कारोबारियों की नींद हराम

53

वर्षीय आरोपी व्यापारी साउथ दमदम निवासी

14

दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश

132

धारा के तहत सीजीएसटी ने की कार्रवाई जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी:

सेंट्रल जीएसटी विजिलेंस विंग ने फर्जी कंपनी और फर्जी बिल के आधार पर जीएसटी चोरी के बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में कोलकाता के दमदम के रहने वाले एक बड़े व्यापारी को सिलीगुड़ी में गिरफ्तार किया गया है। जीएसटी के अधिकारियों ने आरोपी 53 वर्षीय व्यापारी प्रमोद कुमार बेरीवाल को पूछताछ के लिए सिलीगुड़ी बुलाया था। वह अपने कई वकीलों के साथ यहां पहुंचे। उनके वकील कोलकाता से विमान से सिलीगुड़ी पहुंचे थे। लेकिन पूछताछ में जीएसटी टीम को सही जवाब नहीं दे सके। उसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। जीएसटी अधिनियम 132 के तहत कार्यवाही करते हुए आरोपी को जेल जेल भेजा गया है। कोर्ट में उनके वकीलों कोई दलीलें नहीं चली। व्यापारी के खिलाफ 31करोड़ 60 लाख 27 हजार 641 रुपया जीएसटी चोरी कर आरोप है। जुर्माना लगाने के बाद यह मामला करीब 50 करोड़ तक पहुंचता है। बुधवार को सिलीगुड़ी एसडीएम कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी को जमानत नहीं दी गई। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

दूसरी ओर जीएसटी विजिलेंस टीम की इस कार्रवाई से पूरे व्यापार जगत में खलबली मची हुई। इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए सेंट्रल जीएसटी विजिलेंस विंग के अधिवक्ता रतन कुमार बनिक ने बताया कि आरोपी व्यापारी साउथ दमदम का निवासी है। वह फर्जी तरीके से छह कंपनी खोलकर फर्जी बिल के सहारे सरकार को टैक्स का चूना लगा रहा था।

कितनी फर्जी कंपनियां और कैसे हुआ घपला

पिछले काफी दिनों से सेंट्रल जीएसटी विजिलेंस की टीम फर्जी बिल और फर्जी कंपनी के खिलाफ सूची बनाकर जाच में जुटी हुई थी। यह व्यापारी श्री गणेश आयरन, श्री श्याम आयरन, रामपुरिया ट्रेडिंग कंपनी समेत अन्य कई फर्जी कंपनी खोलकर फर्जी बिल के सहारे बिना माल खरीद-बिक्री के ही इनपुट क्रेडिट ले रहा था। आरोपी की कंपनियां सिलीगुड़ी,मालदा,आसनसोल,दुर्गापुर भुवनेश्वर सहित अन्य क्षेत्रों में धड़ल्ले से अपना काम कर इनपुट क्रेडिट लेकर सरकार को चूना लगा रही है। आयरन और सीमेंट बिल्डरों को आपूíत के नाम पर इसने जीएसटी की चोरी की है। सीमेंट में 24 फीसद तो आयरन में 18 फीसद जीएसटी है। पांच करोड़ से उपर के मामले में गिरफ्तारी का प्रावधान

अधिवक्ता बनिक ने बताया कि वर्ष 2017 में डायरेक्टरेट ऑफ विजिलेंस जीएसटी का उत्तर बंगाल में एक कार्यालय खुला है। डायरेक्टरेट को नियम 132 के तहत 5 करोड़ तक टैक्स नहीं जमा करने वाले को गिरफ्तार करने का पावर है। टैक्स चोरी करने वाले व्यापारी को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुधवार को बुलाया गया था। उचित तथ्य जीएसटी टीम के सामने नहीं दे पाने के कारण उनको गिरफ्तार किया गया है। व्यापारी के बचाव के लिए बुधवार को ही विमान से कोलकाता से कई वकीलों की टीम सिलीगुड़ी कोर्ट पहुंची। कोर्ट के सामने उनकी दलीलें काम नहीं आई। उसके बाद कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया।

दैनिक जागरण ने किया था टैक्स चोरी का खुलासा

उत्तर बंगाल के रास्ते फर्जी बिल और कंपनी के माध्यम से जीएसटी की चोरी का दैनिक जागरण ने लगातार खुलासा किया था। इसके बाद ही अखबार से मिले तथ्यों के आधार पर विजिलेंस टीम ने उत्तर बंगाल में पहली गिरफ्तारी की है। दैनिक जागरण ने आयरन रॉड,सीमेंट समेत कई वस्तुओं में जीएसटी की बड़े पैमाने पर चोरी का खुलासा किया था और कोलकाता तक इनके लिंक होने की बात प्रकाशित की थी। धीराज घोष एंड कंपनी आरोपों के घेरे में

सेंट्रल जीएसटी विजिलेंस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों से मिल रही जानकारी के अनुसार उत्तर बंगाल में सेंट्रल और स्टेट जीएसटी की चोरी के मामले में धीराज घोष एंड कंपनी आरोपों के घेरे में है। आरोप है कि फर्जी कंपनी और फर्जी बिल के माध्यम से उत्तर बंगाल के रास्ते सरकार को बिना टैक्स दिए धड़ल्ले से ट्रासपोर्ट से सामानों को एक जगह से ले जाने का काम यही कंपनी करती है। इस मामले में एक बड़े कारोबारी के पकड़े जाने के बाद अन्य लोगों पर भी शिकंजा कस सकता है।

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