पुलवामा हमले का हुआ मंचन तो खड़े हो गए रोंगटे

-देश भक्ति से ओतप्रोत रहा बीएसएफ का स्थापना दिवस,महिला आरक्षियों ने भी दिखाया दम-खम जागरण संवाददाता,

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 08:40 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 08:40 PM (IST)
पुलवामा हमले का हुआ मंचन तो खड़े हो गए रोंगटे
पुलवामा हमले का हुआ मंचन तो खड़े हो गए रोंगटे

-देश भक्ति से ओतप्रोत रहा बीएसएफ का स्थापना दिवस,महिला आरक्षियों ने भी दिखाया दम-खम जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तथा सहायक प्रशिक्षण केंद्र, (एसटीसी) उत्तर बंगाल, बैकुंठपुर के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर बुधवार को एसटीसी ग्राउंड बैकुंठपुर में उपस्थित लोग पूरी तरह से देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत रहे।

बीएसएफ के 57वें तथा एसटीसी के 55 वें स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर के आईजी रवि गांधी तथा बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ प्रेमा गांधी ने किया। उक्त समारोह के दौरान एसटीसी बैंकुंठपुर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बीएसएफ के महिला व पुरुष ट्रेनी नवआरक्षियों ने देशभक्ति पर आधारित एक से बढ़कर एक कार्यक्रम प्रस्तुत कर पूरे माहौल को राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया। जब महिला नवआरक्षियों ने फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले में शहीद जवानों की याद में नाट्य मंचन किया तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। इसके अलावा बीएसएफ के नवआरक्षियों ने राष्ट्रभक्ति पर आधारित ऐ बढ़कर एक गीत प्रस्तुत कर लोगों की जमकर वाहवाही लूटी। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से अपने कौशल बखूबी प्रदर्शन करते हुए यह जता दिया कि वह जिस तरह से देश के सीमा की रखवाली में मोर्चे पर डटे रहने में पीछे नहीं हटने वाले हैं, वैसे ही लोक-संस्कृति तथा कला-कौशल में भी वह किसी से कम नहीं है।

यही देन है कि बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर के आइजी रवि गांधी ने भी इन नवआरक्षियों के प्रदर्शन की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में बीएसएफ के नवआरक्षियों के कौशल का भी प्रदर्शन किया जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से देखा जा सकता है कि कितना सुंदर एंकरिग कर रही हैं। गीत-संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सांस्कृतिक प्रस्तुति में अव्वल हैं, उसी तरह से फायरिग क्षेत्र में पूरी तरह से दक्ष हैं। पिछले दिनों मैराथन में भी अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर नारी सशक्तीकरण बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं। प्रशिक्षण पूरा कर जब ये महिला आरक्षी सीमा पर तैनात होंगी, तो देश की सुरक्षा का और मजबूत करने में सहायक होंगी।

उन्होंने कहा कि एक ओर बीएसएफ का स्थापना दिवस समारोह मनाए जा रहे हैं, वहीं अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, वहीं बांग्लादेश के आजादी की स्वर्ण जयंती समारोह मनाया जा रहा है। इन तीनों बड़े समारोह बीएसएफ मुख्यालय, एसटीसी समेत अन्य सेक्टरों व वाहिनी क्षेत्रों व सीमा चौकी क्षेत्रों में मनाया जा रहा है। इन समारोहों में बीएसएफ के पूर्व कर्मियों से लेकर स्थानीय तथा सीमवर्ती क्षेत्र के लोगों को भी शामिल किया जा रहा है। बताया गया कि बीएसएफ की स्थापना एक दिसंबर 1965 को भारतीय संसद द्वारा की गई थी। सीमा सुरक्षा बल ने खुद को एक बहादुर बल के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जो राष्ट्र की रक्षा करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों की सहायता करने की प्रतिबद्धता से लगा हुआ है। वहीं एसएसटी बैकुंठपुर की स्थापना एक दिसंबर 1965 को रानीडांगा में की गई थी, जिसे वर्ष 1985 में सालूगाड़ा में स्थानांतरित किया गया।

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