ब्लैक फंगस के दो और मरीज भर्ती

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी कोरोना वायरस महामारी के बीच शुरू हुई नई मुसीबत ब्लैक फंगस (म्यू

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 10:30 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 10:30 PM (IST)
ब्लैक फंगस के दो और मरीज भर्ती
ब्लैक फंगस के दो और मरीज भर्ती

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना वायरस महामारी के बीच शुरू हुई नई मुसीबत ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शनिवार को मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के दो और मरीज भर्ती हुए हैं। इस तरह से पिछले 20 दिनों में ब्लैक फंगस के 15 मामले उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आए हैं । उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्राचार्य डॉक्टर इंद्रनाथ शाह ने बताया कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ब्लैक फंगस के 15 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें पांच की मौत हो चुकी है।

उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारी सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल मेडिकल अस्पताल में इस बीमारी से संक्रमित सात मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं कुछ ब्लैक पंकज के संदिग्ध मरीज भी भर्ती हैं कल्चर की जाच के लिए सैंपल भेजे गए हैं। बताया गया कि अंबेडकर अस्पताल में भर्ती ब्लैक पंकज से अब तक पाच मरीजों की मौत हो चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर बंगाल में ब्लैक फंगस का पहला मामला आज से 20 दिन पहले आया था सिलीगुड़ी के प्रधान नगर थाना इलाके निवासी तथा ब्लैक फंगस से पीड़ित 48 वर्षीय महिला का जरूरी ऑपरेशन भी किया गया। उसके एक आख और जबड़ा को ऑपरेशन कर निकाल भी दिया गया था, फिर भी उक्त महिला 31 मई को हमें जीवन की जंग हार गई। जबकि उसी दिन मेडिकल अस्पताल के कोविड-19 भर्ती ब्लैक फंगस से पीड़ित एक और महिला की मौत हो गई थी। जबकी 2 जून को प्रधान नगर थाना इलाके के ही मिलन मोड निवासी एक 48 वर्षीय व्यक्ति की मौत उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ब्लैक फंगस से संक्रमित होने के बाद हो गई। इस सप्ताह भी ब्लैक पंकज से पीड़ित 2 मरीजों की मौत मेडिकल अस्पताल में हुई।

उत्तर बंगाल में बीमारी से निपटने की पूरी तैयारी भी नहीं होने की बात सामने आई है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जिस तरह से उत्तर बंगाल में कोरोनावायरस महामारी का का प्रकोप देखने को मिल रहा है, इससे आने वाले दिनों में ब्लैक फंगस की मुसीबत इनकार नहीं किया जा सकता है। इन सबके बावजूद इस बीमारी से निपटने की पूरी तैयारी उत्तर बंगाल के विभिन्न सरकारी अथवा गैर सरकारी अस्पतालों में नहीं होना चिंता का विषय है। बताया गया कि जहा अन्य राज्यों के बड़े अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में अलग पोस्ट कोविड वार्ड व ब्लैक फंगस वार्ड तैयार किया गया है, वहीं उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में इस तरह की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ब्लैक फंगस संक्रमित एक मरीज का ऑपरेशन 30 दिन पहले क्या गया था मरीज स्थिति सुधार पर हुई थी, लेकिन देखा जा रहा है कि संक्रमण को रोकने के लिए एक जरूरी इंजेक्शन लाइपोजोमल एम्फोटेरिसिन बी की कमी हो गई है। यह इंजेक्शन बाजार से आउट ऑफ स्टॉक है, जिससे मरीज को नहीं दिया जा पा रहा है।

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