भाजपा ने गोरखाओं को वोट बैंक समझ रखा: विमल गुरुंग
बोले गोजमुमो सुप्रीमो गोजमुमो पूर्ण रूप से शुद्ध हो गया वर्ष 2017 से 2021 तक गोजमुमो में रहकर मनम
बोले गोजमुमो सुप्रीमो : गोजमुमो पूर्ण रूप से शुद्ध हो गया , वर्ष 2017 से 2021 तक गोजमुमो में रहकर मनमानी करने वाले अब अपनी पार्टी मनमाने ढंग से चलाकर दिखाएं, गोजमुमो के झंडे का शुद्धिकरण किया गया
पहाड़,तराई व डुवार्स क्षेत्र में रहने वालों गोरखा भाइयों का असली अभिभावक गोजमुमो
संसू.मिरिक:भाजपा ने गोरखाओ को केवल वोट बैंक समझ रखा है। तीन तीन बार दाíजलिंग पहाड की जनता ने भाजपा को सासद दिया , विधायक दिया । यहां तक कि देश की सरहद में सुरक्षा से लेकर देश के विभिन्न निकाय मे अतुलनीय सेवा देने के बावजूद भी भाजपा के मन में गोरखाओं के लिए तिल भर भी सहानुभूति नहीं है। अब हमे भाजपा से कोई भी उम्मीद नहीं है। यह मंतव्य गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग ने शुक्रवार को यहां पहुंचने पर कही। अगर दाíजलिंग पहाड़ को स्थायी राजनैतिक समाधान का रास्ता खोजना है तो राज्य सरकार से ही उम्मीद है। भाजपा दूर और राज्य सरकार नजदीक है। ऐसे मे हमे राज्य सरकार से हि दाíजलिंग पहाड के विकास , राजनैतिक समाधान के लिए उम्मीद रखी गई है। यदि राज्य सरकार के माध्यम से ही जाना पढता है तो क्यो राज्य के साथ मिलकर काम न करीं। भाजपा से गोरखा को कुछ करनेका उम्मीद रखना बेकार है।
वर्ष 2017 से 2021 तक जिस तरह से गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के झंडा का गलत ढंग से प्रयोग किया गया। अब नए दल का उदय करने वाले अपनी मनमानी करके दिखाएं।
यह मंतव्य शुक्रवार को यहां पहुंचे गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग ने व्यक्त करते हुए कहा कि दूसरोंके झंडे का प्रयोग कर पहाड की स्थिति डांवाडोल करने वालों को मालूम होना चाहिए कि , आखिर सत्य सत्य है। जनता इस बात से अवगत है कि गोजमुमो का झन्डा कितना सत्य है और कल से इस दलीय झन्डा का पूरी तरह शुद्धीकरण किया गया है। अब यह झंडा दाíजलिंग पहाड़ तराई डुवार्स के गोरखाओं के हित मे अभिभावक बनकर काम करेगा । विमल गुरुंग ने कहा कि अब गोजमुमो शुद्ध हो गया है। उन्होंने दाíजलिंग पहाड़ की स्थिति चिंतनीय बताते कहा कि गोजमुमो अपने ऊपर दाíजलिंग पहाड ही नहि बल्कि समूची गोरखा जाति के लिए काम करने की जिम्मेवारी लेकर एक अभिभावक के रुप में काम करेगा। ताकि सम्पूर्ण गोरर्खा जाति का उद्धार हो। विमल गुरुंग ने जीटीए में काफी भ्रष्टाचार होने का दावा करते हुए इसकी सही ढंग से जांच होना जरूरी है। जीटीए में रहकर काम करने वालों ने आरआईडीएफ , पीएमजीएसवाई की योजना में व्यापक घोटाला किया। ग्रामीण क्षेत्र में कहीं भी समु्चित विकास नहीं हुआ। जीटीए में हुए भ्रष्टाचार की सही ढंग से जांच होनी जरूरी है।
उन्होने कहा कि जीटीए ने वर्ष 2020 मे कोविड महामारी के दौरान दाíजलिंग पहाड़ के चाय बागान श्रमिकों के हित में उठाए गए दो करोड़ 17 लाख से अधिक धन अब तक वितरित न होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी हाल में श्रमिकों को उक्त राशि वितरित होने चाहिए।