हताशा और निराशा में जी रहे हैं भाजपा समर्थक

-एक महीने बाद भी घर वापसी की कोई कोशिश नहीं - -कहीं से भी नहीं दिख रही है इंसाफ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 07:47 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 07:47 PM (IST)
हताशा और निराशा में जी रहे हैं भाजपा समर्थक
हताशा और निराशा में जी रहे हैं भाजपा समर्थक

-एक महीने बाद भी घर वापसी की कोई कोशिश नहीं

- -कहीं से भी नहीं दिख रही है इंसाफ की कोई उम्मीद

-राज्य की तो छोड़िए केंद्र से भी नहीं मिली कोई मदद

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मई को चुनाव परिणाम के साथ ही हिंसक घटनाएं

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हजार से अधिक लोग उत्तर बंगाल से कर चुके हैं पलायन

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सीट मिली है भाजपा को विधानसभा चुनाव में जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: 2 मई को बंगाल में चुनाव परिणाम घोषित होने के साथ उत्तर बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों पर ताबड़तोड़ हमले होने लगे। कई लोगों की जानें चली गई तो कई लोग घायल हुए। 1000 से अधिक लोग उत्तर बंगाल से पलायन कर असम और बिहार में जा चुके हैं। तब से लेकर अब तक 1 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उनके घर वापसी की कोई कोशिश नहीं की गई। इसका ज्वलंत उदाहरण मालदा ,उत्तर दिनाजपुर ,दक्षिण दिनाजपुर, कूचबिहार, नक्सलबाड़ी तथा फासीदेवा क्षेत्र है। इस क्षेत्र के कई भाजपा समर्थक जान बचाने के लिए पलायन कर चुके हैं और जो हैं वह काफी डरे हुए हैं। राज्य सरकार की तो छोड़िए केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से भी इनकी कोई मदद नहीं की जा रही है। जिसके कारण भाजपा समर्थक काफी हताश और निराश हैं। ये लोग कई स्थानों पर या तो तृणमूल काग्रेस का झडा थाम चुके हैं या थामने के लिए मजबूर हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों की यह स्थिति देखते हुए ब्लॉक से जिला स्तर के नेताओं ने राज्य और केंद्र से गुहार मदद की गुहार लगाई है। भाजपा नेताओं को अब यह चिंता सताने लगी है कि तृणमूल काग्रेस भाजपा के विरोधी दल नेता और संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल पर भी जब सीधा हमला कर सकती है। ऐसे में आम कार्यकर्ता का क्या होगा। दाíजलिंग संसदीय क्षेत्र के चोपड़ा और चटहाट, मुरलीगछ, फूलबाड़ी तथा नक्सलबाड़ी क्षेत्र में भी भाजपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। इस संबंध में पुलिस के पास जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में हिंसा पीड़ित भाजपा समर्थक आखिर जाएं तो कहां जाएं।

हिंसा पीड़ित परिवार को अभी तक कोई आíथक मदद नहीं मिली है और ना ही दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है। जिला भाजपा नेताओं की मानें तो हिंसा के बाद एक नया ट्रेंड बंगाल में शुरू हुआ है। भाजपा समर्थकों से दुकान या व्यापार करने के लिए रंगदारी मागी जा रही है। इस बात को भी पार्टी फोरम में तो कहते हैं पर खुलकर सार्वजनिक नहीं कर पाते। उन्हें डर है कि अगर खुलकर कुछ कहा तो पुलिस प्रशासन की मदद से उनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज करा कर जेल भेज दिया जाएगा। राज्यपाल के दौरे का नहीं हुआ असर

बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चुनावी हिंसा के बाद कूचबिहार और असम का दौरा किया था। इस दौरे में राज्यपाल ने कहा था कि इतिहास मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इंसाफ करेगा। इतिहास राज्यपाल जगदीप धनखड़ तथा नौकरशाही और मीडिया का भी इंसाफ करेगा। चुनाव बाद हुई हिंसा के संबंध में सूचना पाने के तमाम प्रयास के बावूजद राज्य सरकार से कोई जानकारी नहीं मिलने का दावा किया था। धनखड़ ने कहा था कि राज्य सरकार संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत उन्हें आवश्यक सूचना मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी परिस्थिति में बिना किसी रूकावट और विचलित हुए बिना अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करते रहेंगे। लेकिन दौरे के इतने दिनों बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ है। उल्टे उन परिवारों को ज्यादा डर सताने लगा है जिनसे राज्यपाल ने मुलाकात की थी। इंसाफ मिलना तो दूर किसी प्रकार की सहायता तक नहीं मिल पाई है।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री और राजू बिष्ट से उम्मीद

उत्तर बंगाल में विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के लिए भाजपा समर्थक केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और दाíजलिंग के सासद राजू बिष्ट को श्रेय देना चाहते हैं। भाजपा समर्थकों का कहना है कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने एक बार फिर खुद को पार्टी और प्रधानमंत्री के भरोसे पर खरा साबित किया है। वह शीतलकूची में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कूचबिहार सासद निशिथ प्रामाणिक के साथ कई चुनावी जनसभाओं में शामिल हुए थे। पटेल चुनावी हिंसा में घायल हुए भाजपा कार्यकर्ता का हालचाल जानने कूचबिहार के अस्पताल भी गए और घायल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। इससे पहले मणिपुर में भी प्रहलाद सिंह पटेल को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया था जहा भाजपा को भारी सफलता मिली। बेशक बंगाल में ममता का किला ना ढहाया जा सका हो लेकिन भाजपा की सफलता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस चुनाव में भाजपा को 77 सीटें मिली है। हिंसा पीड़ितों का कहना है कि प्रहलाद सिंह पटेल और राजू बिष्ट हिंसा मामले में मदद करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनकी बातों को पहुंचाएं। कहीं से इंसाफ नहीं मिल रहा है। अब तक उत्तर दिनाजपुर में विधायक की हत्या, युवती की हत्या, कुचबिहार के अलावा उत्तरकन्या में पुलिस फायरिंग में मौत आदि मामलों में बार-बार सीबीआई जाच की माग की गई है। उसके बाद भी अब तक जाच नहीं कराई जा सकी। चुनाव से पहले से ही भाजपा समर्थक हिंसा के शिकार हो रहे हैं। सबको लगता था कि भाजपा सत्ता में आएगी तो इंसाफ मिलेगा। पार्टी सत्ता में आई नहीं। अब हिंसा पीड़ितों का विश्वास टूटने लगा है। -अखिल विश्वास,जिला उपाध्यक्ष, भाजपा

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