शीघ्र से शीघ्र अलग राज्य बने उत्तर बंगाल-जॉन बारला

-लोकसभा में प्रस्ताव लाने की तैयारी में भाजपा सांसद -प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से भी करेंगे

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 07:24 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:24 PM (IST)
शीघ्र से शीघ्र अलग राज्य बने उत्तर बंगाल-जॉन बारला
शीघ्र से शीघ्र अलग राज्य बने उत्तर बंगाल-जॉन बारला

-लोकसभा में प्रस्ताव लाने की तैयारी में भाजपा सांसद

-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से भी करेंगे मुलाकात

-राजनीतिक गलियारे में मचेगी खलबली एक्सक्लूसिव अशोक झा, सिलीगुड़ी

बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हो रही राजनीतिक हिंसा का शोर अभी थमा ही नहीं कि अलीपुरद्वार के भाजपा सासद जॉन बारला ने उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने की माग शुरू कर दी है। इससे राजनीतिक हलके में खलबली मचने की संभावना है। इसके साथ ही एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि क्या आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल का बंटवारा कर उत्तर बंगाल को अलग राज्य बना दिया जाएगा। मंगलवार को दैनिक जागरण से विशेष बातचीत करते हुए भाजपा सासद जॉन बारला स्पष्ट कहा कि खुले में सास लेने के लिए जरूरी हो गया है उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में राज्यपाल,सासद और विधायक सुरक्षित नहीं हैं,उस राज्य का रहना ना रहना एक बराबर है। तीसरी बार सत्ता में आने के बाद बंगाल सरकार भाजपा नेताओं और समर्थकों को निशाना बना रही है। जॉन बारला ने कहा कि राज्य सरकार उत्तर बंगाल के आठ जिले से सबसे ज्यादा राजस्व वसूलती है। लेकिन इसके विकास पर कभी ध्यान नहीं दिया। जनप्रतिनिधियों की बात छोड़ो राज्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी पालन नहीं होता। यहां नियम कानून तृणमूल काग्रेस के इशारे पर बनता और बिगड़ता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब तक गोरखा जनमुक्ति मोर्चा नेता विमल गुरुंग तृणमूल काग्रेस के विरोधी थे तब तक वह एक राष्ट्रीद्रोही और अपराधी बनकर दर बदर की ठोकरें खा रहे थे। जैसे ही उन्होंने तृणमूल काग्रेस का दामन थामा उन्हें पुलिस की सुरक्षा में दाíजलिंग वापस बुलाया गया। उन्होंने कहा कि इसका भुक्तभोगी मैं खुद हूं। लोकसभा चुनाव से पहले मुझे तृणमूल में शामिल कराने के लिए पुलिस से प्रताड़ित किया गया। इसका प्रयास आज तक जारी है। उन्होंने आगे कहा कि अलग राज्य की मांग को लेकर वह तथा भाजपा के कुछ अन्य सांसद लोकसभा में प्रस्ताव लाएंगे। साथ ही इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे।

कई अलग राज्यों की होती रही मांग

ऐसे उत्तर बंगाल में कई अलग राज्यों की मांग होती रही है। 110 वर्षो से अलग राज्य माग के आदोलन में यह क्षेत्र झुलस रहा है। इसमें चाहे गोरखालैंड की माग हो या कामतापुर राज्य की। ऐसे आदोलन का समाधान नहीं कर उसे राज्य सरकारों ने कुचलने का काम किया। जॉन बारला का कहना है कि एक बार फिर से बंगाल में चुनाव जीत के बाद राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं उत्तर बंगाल का सर्वांगीण विकास हो और यह पूर्वोत्तर के साथ कदम से कदम मिलाकर चले। इसीलिए दाíजलिंग, कूचबिहार, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, दाíजलिंग व कालिम्पोंग को अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाय। वह इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि समय रहते केंद्र सरकार बंगाल की ओर ध्यान नहीं देगी तो इसका हाल भी कश्मीर जैसा हो रहा है।

देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह क्षेत्र महत्वपूर्ण

भाजपा सासद जॉन बारला का कहना है कि उत्तर बंगाल सामरिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। इसका चिकन नेक कॉरिडोर करीब 22 किमी के दायरे में फैला है। ये कॉरिडोर नेपाल, भूटान और बाग्लादेश के बीच फैला है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर 1947 में बंगाल विभाजन के बाद असतित्व में आया था। 1975 में सिक्किम जब भारतीय राज्य बना तो भारत को उत्तर-पूर्व स्थित चुंबी वैली में चीन पर निगाह रखने के लिए एक रणनीतिक बढ़त हासिल हो गई थी। चिकन नेक पर असम राइफल्स, पश्चिम बंगाल पुलिस, भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल की कड़ी निगाह रहती है। बाग्लादेशी घुसपैठ के बाद रोहिंग्या मुसलमानों की लगातार घुसपैठ सीमावर्ती क्षेत्र में हो रही है। कार्रवाई के बदले राज्य सरकार इसे प्रश्रय दे रही है। राज्य में आतंकियों और उग्रवादियों के गहरी पैठ बनी हुई है। इसलिए देश की सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र को अलग राज्य बनाना जरूरी है।

अलग राज्य की माग पर मुख्यमंत्री नाराज

उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने की माग को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी नाराज हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्रकार सम्मेलन में स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी राज्य में चुनाव हारने के बाद इसे बाटने की साजिश कर रही है,लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

क्या कहते हैं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व दाíजलिंग के सासद राजू बिष्ट का कहना है कि बंगाल का विभाजन होगा यह समय बताएगा। लेकिन जिस प्रकार देश के हाथों बंगाल फिसलता जा रहा है यह एक गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि मैं उत्तर बंगाल के लोगों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी ने दाíजलिंग तराई डुवार्स क्षेत्र के स्थाई राजनीतिक समाधान का जो वादा किया है उसे जरूर पूरा करेगी। लोकसभा चुनाव पूर्व यह सबके सामने होगा।

किस फार्मूले की हो रही है चर्चा

1.भारतीय जनता पार्टी के साथ ही माकपा, काग्रेस तथा अन्य क्षेत्रीय पार्टियों के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि हो ना हो बंगाल का विभाजन होगा।

2.चर्चा है कि जम्मू कश्मीर की तरह बंगाल को तीन हिस्सों में बाटने की तैयारी चल रही है। घुसपैठ बाहुल्य मालदा, मुर्शिदाबाद ,उत्तर दिनाजपुर दक्षिण दिनाजपुर को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनेगा। 3.उत्तर बंगाल के अन्य 5 जिलों दाíजलिंग, कालिम्पोंग ,अलीपुरद्वार,कुचबिहार तथा जलपाईगुड़ी को मिलाकर अलग राज्य बनाया जा सकता है।

4.संविधान को जानने वाले यह भी कहते हैं कि राज्य विभाजन के लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित करना कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है। इस बात को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा है।

5.यह देखना दिलचस्प होगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अलग राज्य की माग को लेकर बंगाल में क्या घमासान मचता है।

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