बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- थाने में इनकम टैक्स एसेसमेंट संभव नहीं

दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के स्थायी राजनीतिक समाधान के संदर्भ में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि समस्या का हल जहां हो सकता है वहीं देखना चाहिए वहीं जाना चाहिए समस्या कितनी भी विकट हो उसका समाधान भारतीय संविधान में है

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sun, 01 Nov 2020 04:16 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 04:16 PM (IST)
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- थाने में इनकम टैक्स एसेसमेंट संभव नहीं
सिलीगुड़ी के राजकीय अतिथि निवास में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़।

सिलीगुड़ी, इरफ़ान-ए-आज़म। दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के स्थायी राजनीतिक समाधान के संदर्भ में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि 'थाने में इनकम टैक्स एसेसमेंट संभव नहीं है। थाने में तो बस एफआईआर हो सकती है, इनकम टैक्स एसेसमेंट नहीं हो सकता है। समस्या का हल यहां है और वहां देखेंगे तो फिर समस्या का हल कैसे होगा। समस्या का हल जहां है वहीं देखने और वहीं जाने से ही समस्या का समाधान हो सकता है। समस्या का हल जहां हो सकता है वहीं देखना चाहिए, वहीं जाना चाहिए। उस रास्ते से अलग हटेंगे तो दिग्भ्रमित होंगे और समय बर्बाद होगा'। अपने महीने भर के दार्जिलिंग प्रवास पर जाने से पहले रविवार सुबह वह सिलीगुड़ी में संबोधित कर रहे थे। उनसे दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के स्थायी राजनीतिक समाधान के संदर्भ में सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने उपरोक्त बातें कहीं।

दार्जीलिंग पार्वत्य क्षेत्र के बहुसंख्यक गोरखाओं के अलग राज्य गोरखालैंड के आंदोलन के नई सदी के सबसे प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा अध्यक्ष बिमल गुरुंग के हाल ही में, भाजपा को छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस के पाले में जा खड़े होने के मद्देनजर दार्जिलिंग के वर्तमान उथल-पुथल भरे राजनीतिक माहौल में राज्यपाल की उपरोक्त बातों के कई महत्वपूर्ण निहितार्थ से इंकार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त संदर्भ में राज्यपाल ने आगे यह भी कहा कि 'भारत बदल रहा है। दुनिया देख रही है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) विश्व में पहली कतार के नेता के रूप में उभरे हैं। क्या कभी किसी ने सोचा था कि तीन तलाक खत्म हो जाएगा? कश्मीर धारा 370 मुक्त हो जाएगा? क्या कभी किसी ने सोचा था कि बरसों बरस पुराना राम मंदिर का मसला हल हो जाएगा? मगर, सब हुआ। इस तरीके से हुआ कि सबके गले उतरा। सब ने माना। दुनिया ने सराहा। ऐसे ही देश में हर विकट समस्या का समाधान होगा'। दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के स्थायी राजनीतिक समाधान के संदर्भ में राज्यपाल ने यह भी कहा कि समस्या का निदान बेहतर राजनीतिक विवेक से ही संभव है।

राज्यपाल ने यह भी कहा कि 'चाहे समस्या कितनी ही विकट क्यों न हो उसका समाधान भारतीय संविधान में है। 30 जुलाई 2019 को राज्यपाल होने से पहले आपका राज्यपाल एक वरिष्ठ अधिवक्ता था। वह संविधान जानता है। वह संविधान को देखेगा। उसकी गहराई में जाएगा। गोते लगाएगा। उसको समझेगा और जरूर मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने यह भी कहा कि, राजनीतिक दलों में क्या दम है, यह मुझसे मत पूछिए। हां, राज्यपाल के पास संविधान की क्या शक्ति है, यह जरूर मैं बता सकता हूं'।

वर्तमान समय में मौसम की ठंडी और राजनीति की गर्मी के बीच दो-चार दिन नहीं बल्कि पूरे महीने भर के लिए दार्जिलिंग जाने की वजह पूछे जाने पर राज्यपाल ने मुस्कुराते हुए कहा कि 'मैं कभी ठंड में नहीं बहता और न ही कभी गर्म में बहता हूं। मैं स्थिर रहता हूं। मैं दार्जिलिंग नहीं, अपने दूसरे कार्यालय जा रहा हूं। इससे पहले भी दो बार दार्जिलिंग जाने-जाने को था लेकिन अपरिहार्य कारणों से वह संभव नहीं हो पाया। अब संभव हुआ है तो जा रहा हूं। हां, इस बार हो सकता है कि वहां से रणनीति आगे और भी बढ़े। वैसे, मेरी कोई खास रणनीति नहीं है। बस, एक ही रणनीति है। एक ही काम है। वह, भारतीय संविधान की रक्षा करना है। मैं उसी के लिए जा रहा हूं। वहां लोगों से मिलूंगा। हरेक हितधारकों से मिलूंगा। उनसे बातें करूंगा। उनकी समस्याओं को जानने समझने की कोशिश करूंगा। उनकी समस्याओं के समाधान के प्रति हरसंभव सहयोग का प्रयास करूंगा"। 

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