होशियार, अस्पताल में ही बीमारी का खतरा!

कैसे हो महामारी से बचाव ------------ -ग्रीन जैन नामक प्राइवेट कंपनी को मेडिकल वेस्ट उठाने का

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:48 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:48 PM (IST)
होशियार, अस्पताल में ही बीमारी का खतरा!
होशियार, अस्पताल में ही बीमारी का खतरा!

कैसे हो महामारी से बचाव

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-ग्रीन जैन नामक प्राइवेट कंपनी को मेडिकल वेस्ट उठाने का काटेक्ट है कंपनी बायो मेडिकल वेस्ट यहां से ले जाकर फुलवारी में डिस्पोज करती है पर वाहन रोज ना आने से वेस्ट एकत्र हो रहा

जिला सुपरिटेंडेट

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कोट: यह समस्या कोविड-19 से चली आ रही है, पहले यह वेस्टेज कम निकलता था लेकिन महामारी के बाद से अधिक निकल रहा है। पहाड़ के लिए हमारे पास सिर्फ एक ही गाड़ी है उसी से कालिम्पोंग,कर्सियांग का वेस्ट उठाते हैं

ग्रीन जैन कंपनी के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव सुनील गुरुंग

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संवाद सूत्र,दार्जिलिंग: महामारी की चपेट में आने से लाखों लोग मौत के गाल में समा चुके हैं, उस पर दार्जिलिंग जिला अस्पताल परिसर में इस्तेमाल की हुई पीपीकिट व अन्य संक्रमण से बचाव के प्रयुक्त चिकित्सकीय उपकरण खुले में पड़े हैं। जब कि यहां अस्पताल में नित्य ही पार्वत्य क्षेत्र की तमाम जनता विभिन्न रोगों के उपचार के लिए आती है। ऐसी लापरवाही देख स्थानीय लोग चिंतित हो उठे और इसकी जानकारी मीडिया को दी। बुधवार को जब यह संवाददाता अस्पताल परिसर में पहुंचा तो वहां का नजारा देखकर भयभीत हो उठा। क्यों कि कोरोना संक्रमण से बचाव की इस्तेमाल की हुई पीपीकिट खुले में पड़ी हुई है। जब कि इससे बचाव के लिए केंद्र व राज्य सरकार समेत मेडिकल विशेषज्ञों ने गाइड लाइन जारी कर रखी है। ऐसे में अस्पताल परिसर में जिस तरह संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल करने के बाद वेस्टेज के रूप खुले आकाश के नीचे अस्पताल परिसर में फेंकी गई उक्त सामग्री से संक्रमण फैलने का अंदेशा कायम है।

वो भी ऐसी स्थिति में जब शहर प्रशासन, नगरपालिका व पुलिस आदि ने सख्त हिदायत के साथ स्थानीय होटलों, गेस्ट हाउस में बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए वैक्सीन की डोज या कोरोना की जांच रिपोर्ट अनिवार्य घोषित कर रखी है। उक्त रिपोर्ट के बगैर किसी को दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं होने के दौर में दार्जिलिंग जिला अस्पताल परिसर में इस तरह की अव्यवस्था खुले रूप से संक्रमण को आमंत्रित करता नजर आ रहा है। सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन का स्थानीय लोगों ने तमाम परेशानियों को सहन करते हुए पालन किया मगर अस्पताल परिसर में इस तरह की लापरवाही से लोग दहशतजदा से नजर आ रहे हैं।

स्थानीय एक महिला ने बताया कि कुछ दिन पहले तो कुत्तों ने उसे चारों तरफ बिखेर दिया था मैंने अपने हाथों से उसे समेट करके एक जगह रखा ।

जब इस संबंध में जिला सुपरिटेंडेंट से बात की तो उन्होंने बताया कि ग्रीन जैन नामक प्राइवेट कंपनी से हमारा काटेक्ट है यह कंपनी बायो मेडिकल वेस्ट को यहां से ले जाकर फुलवारी में डिस्पोज करती है परंतु ग्रीन जैन का वाहन रोज ना आने के कारण यह वेस्ट जमा हो जाता है यदि ग्रीन जैन कंपनी वाले रेगुलर गाड़ी लाते तो ऐसी समस्या नहीं पैदा होती।

ग्रीन जैन कंपनी के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव सुनील गुरुंग ने कहा कि यह समस्या कोविड-19 से चली आ रही है, पहले यह वेस्टेज कम निकलता था लेकिन महामारी के बाद से अधिक निकल रहा है। पहाड़ के लिए हमारे पास सिर्फ एक ही गाड़ी है उसी से कालिम्पोंग,कर्सियांग का वेस्ट उठाते हैं इसीलिए दाíजलिंग में हम लोग रेगुलर गाड़ी नहीं दे पा रहे हैं इस कारण वेस्ट जमा हो जाती है और कंपनी के उच्चाधिकारियों को जानकारी दे चुके हैं मगर कंपनी वाहन नहीं उपलब्ध करा पा रहा है। उन्होंने स्वीकारा बहुत ही विषम स्थिति है। कंपनी के उच्चाधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

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