12 विधानसभा में चुनाव लड़ेगी भाकपा माले: दीपांकर भट्टाचार्य

-सभी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कहा उत्तर बंगाल में तीन स्थानों पर होगी लड़ाई

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Mar 2021 08:15 PM (IST) Updated:Mon, 08 Mar 2021 08:17 PM (IST)
12 विधानसभा में चुनाव लड़ेगी भाकपा माले: दीपांकर भट्टाचार्य
12 विधानसभा में चुनाव लड़ेगी भाकपा माले: दीपांकर भट्टाचार्य

-सभी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा, कहा उत्तर बंगाल में तीन स्थानों पर होगी लड़ाई

- भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा जमीन की लड़ाई से जुड़ी है पार्टी

-किसान और उससे जुड़ी समस्या होगा मुख्य चुनावी मुद्दा, भाजपा और तृणमूल होंगे निशाने पर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : बंगाल विधानसभा में उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार किसान आंदोलनकारियों पर लाठी डंडे बरसा रही है तो दूसरी ओर पूंजीपतियों के साथ मिलकर खाद्य आपूर्ति के जिला स्तरीय पदाधिकारी धान खरीद के नाम पर लूट मचाए हुए है। दार्जिलिंग जिला के नक्सलबाड़ी से प्रारंभ हुए नक्सल आंदोलन भूमि को लेकर ही हुआ था। यह कहना है भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य का। वे सोमवार को सिलीगुड़ी में सेंट्रेल कमेटी के उन्होंने कहा कि फांसीदेवा विधानसभा से अपना उम्मीदवार उतारेगी। पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, प्रदेश महासचिव बासुदेव बसु, सेंट्रल कमेटी के सदस्य अभिजीत मजुमदार और मोज्जमिल हक मौजूद थे।

12 सीटें जहां उतारे जाने की घोषणा

भाकपा माले प्रदेश में जिन सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। उसमें दार्जिलिंग जिले में फांसीदेवा से सुमंती इक्का, जलपाईगुड़ी में मयनागुड़ी से उदय शंकर अधिकारी मालदा में मोथाबाड़ी से इब्राहिम शेख, मुर्शिदावाद में खरग्राम से टूलू बाला दास,नदिया से कृष्ण पद प्रमाणिक, नक्कासापाड़ा से संतु भट्टाचार्य, उत्तर पाड़ा हुगली से सौरब दास,, धनेश्वर से सजल कुमार दे, ईस्ट बर्दमान से तरुण क्रांति मांझी, कमेश्वर से अंसार अमल मंजर, बाकुंडा से निर्मल बनर्जी और रानीबाग से सुधीर मूर्मू को चुनावी मैदान में उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने कहा कि बंगाल में किसानों के साथ जो कुछ भेदभाव हो रहा है उसे उजागर किया जाएगा। कैसे इस क्षेत्र के विधाननगर में धान खरीद सेंटर के नाम पर कागजी काम होता है उसे भी लोगों के बीच बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन से जुड़ी घटनाओं पर नजर डाले तो इन घटनाओं को पूरे किसान आदोलन ने खारिज किया है। पार्टी ने केंद्र से यह आग्रह भी किया कि वह तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करे। किसान समूहों की, ट्रैक्टर परेड के दौरान कई स्थानों पर पुलिस के साथ झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने किसान समूहों पर आसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया। दिल्ली की सीमा पर कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़ दिए।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में भाकपा माले लगातार अपना पूरा सहयोग दे रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की ट्रोल आर्मी अपने अधिकार मागने वालों को बदनाम करती है, मंत्री निराधार आरोप लगाते हैं, विधि अधिकारी अदालत में बिना किसी आधार के दावे करते हैं। किसानों की वाजिब मागों के निदान का यह कोई तरीका नहीं है। भाकपा माले की ओर से फांसीदेवा उम्मीदवार के पक्ष में रंगापानी के एक स्कूल में चुनावी सभा का आयोजन किया। यहां सभी नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार को जमकर कोसा।

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