कोरोनाकाल में चाय उद्योग पर पड़ा बुरा प्रभाव, लगभग दो हजार करोड़ रुपये का उठाना पड़ा है नुकसान

आम बजट कमल किशोर तिवारी का कहना है कि चाय उद्योग को टैक्स में मिले राहत चाय पर लगने वाले पांच प्रतिशत की टैक्स को अगले चार वर्षों तक के लिए माफ करने की मांग कोविड-19 काल में चाय उद्योग पर पड़ा बुरा प्रभाव

By PRITI JHAEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 12:46 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 12:46 PM (IST)
कोरोनाकाल में चाय उद्योग पर पड़ा बुरा प्रभाव, लगभग दो हजार करोड़ रुपये का उठाना पड़ा है नुकसान
लगभग 130 मिलियन किलोग्राम चाय के उत्पादन में आई कमी

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। कोरोनावायरस महामारी की दौर शुरू होने के बाद अगले महीने एक फरवरी को पेश किए जाने वाले केंद्रीय आम बजट से अन्य उद्योग व व्यवसायिक क्षेत्रों की तरह चाय उद्योग ने भी काफी उम्मीदें लगा कर बैठी हुई हैं। चाय उद्योग से जुड़े संगठनों का कहना है कि यदि इस उद्योग को बचाना है, तो बजट में केंद्र सरकार को टैक्स में छूट देनी चाहिए।

बताया गया कि कोरोना वायरस महामारी का दौर शुरू होने के बाद यदि सबसे ज्यादा कोई उद्योग प्रभावित हुआ है, तो चाय उद्योग प्रभावित हुआ है। अभी तक चाय उद्योग को बचाने के लिए कोरोना काल में जिस तरह से सरकार को ध्यान दिया जाना चाहिए उस तरफ से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया है। पूर्वोत्तर में असम के बाद पच्छिम बंगाल के उत्‍तर बंगाल का क्षेत्र चाय उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है।

बताया गया कि कोरोना वायरस महामारी के बीच जब सरकार द्वारा चार उद्योग चालू करने की हरी झंडी मिली। इसके कुछ दिनों तक तो चाय की कीमतों में तेजी का दौर शुरू हुआ। चाय की कीमत प्रति किलो एक सौ से डेढ़ सौ रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गई। कीमतों में तेजी का दौर शुरू होने से इस उद्योग की स्थिति सुधारने की उम्मीद जगी, लेकिन तेजी का दौर ज्यादा दिन तक नहीं रहा। अचानक चाय की कीमतों में कमी आने लगी, इसके बाद कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर शुरू हो गया, तथा 80 से 120 रुपये प्रति किलो चाय की कीमतें अचानक गिर गई। कीमत में गिरावट के कुछ दिनों बाद ही फिर से 50 से 60 रुपये प्रति किलो किलोग्राम कीमतें बढ़ गई। इस तरह के उतार-चढ़ाव से चाय व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों से लेकर चाय के उत्पादन तक इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

सिलीगुड़ी टी ऑक्शन कमेटी के चेयरमैन कमल किशोर तिवारी का कहना है कि कोरोनावायरस महामारी के दौर में 4 उद्योग को हुए नुकसान को देखते हुए इस बार के बजट में केंद्र सरकार को विशेष राहत देनी चाहिए उन्होंने कहा कि रोना काल में लगभग 130 मिलीयन किलो चाय के उत्पादन में कमी आई है, जिससे इस उद्योग को लगभग 15 सौ करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि चाय उद्योग पर 5 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है जिसे केंद्र सरकार को अगले तीन से चार वर्ष तक के लिए टैक्स को खत्म कर देना चाहिए। तिवारी ने कहा कि चाय उद्योग पर सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की राशि मिलने में भी तीन से चार वर्ष लग जाता है। सब्सिडी की राशि भी जल्द से जल्द मिल सके, इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

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