खूंटी पूजा से दुर्गापूजा पंडाल निर्माण का शुभारंभ
संवाद सूत्र,दिनहाटा: कूचबिहार के प्रसिद्ध न्यू टाउन यूनिट की ओर से गुरुवार को खूंटी पूजा करके दुर्गा
संवाद सूत्र,दिनहाटा: कूचबिहार के प्रसिद्ध न्यू टाउन यूनिट की ओर से गुरुवार को खूंटी पूजा करके दुर्गापूजा पंडाल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। इस अवसर पर क्लब के पदाधिकारी उपस्थित थें। दुर्गापूजा आयोजन कमेटी के अभिषेक सिंह राय ने बताया कि इस बार न्यू टाउन यूनिट दुर्गापूजा में मां को कन्या रूप में पूजा करेगी। मां का कन्या रूप में प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। हम कोरोना के नियमों को देखते हुए पूजा पंडाल तैयार कर रहें है। हर साल की तरह इस साल भी हम सामाजिक कार्य करेंगे। गरीबों के बीच वस्त्र वितरित करेंगे। पूजा को लेकर संगठन में काफी उत्साह है। :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर लगा जुर्माना संवाद सूत्र,दिनहाटा: सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना अपराध है। लेकिन फिर लोग इससे बाज नहीं आते। इसे देखते हुए फूड सेफ्टी व टेबोको कंट्रोल के अधिकारियों ने गुरुवार को अभियान चलाया। आज दोपहर के समय दिनहाटा शहर के अस्पताल के आस-पास अभियान चलाया गया। सार्वजनिक जगहों पर कोई धूम्रपान न करे, इसे लेकर लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही पांच लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया। इस अभियान में फूड सेफ्टी के अधिकारी तापस सरकार, जिला टोबाको कंसलटेंट मिठून चंद आदि उपस्थित थें। विभाग की ओर से धूम्रपान के खिलाफ आगे भी अभियान चलाया जाएगा। अस्पताल व थाना परिसर के आस-पास से लोगों को धूम्रपान करते हुए पकड़ा गया। धूम्रपान को लेकर लोगों को सचेत किया गया। :::::::::::::::::::::
नदी में मछली के मरने से मछुआरे परेशान जागरण संवाददाता,उत्तर दिनाजपुर: ग्वालपोखर की पीतनु नदी में सैकड़ों मरी मछलिया बहते देखा गया। इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल है। खासकर मछुआरे वर्ग काफी चिंतित है। यह मामला उत्तर दिनाजपुर जिले के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के सिंधु इलाके की है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार मामला उनके संज्ञान में गुरुवार सुबह तब आया जब कुछ मछुआरे नदी में मछली पकड़ने गए थे। उन्होंने नदी में तरह-तरह की छोटी और बड़ी मरी हुई मछलियों को तैरते देखा। मरी मछली को देखने के लिए आस-पास के लोग जुटने लगे। मछुआरों ने बताया कि नदी का जल प्रदूषित हो गया है, इसके कारण ही मछलियां मर रही है। मछली हमारी एक मात्र आजीविका का साधन है। ऐसे हालत में परिवार का पालन करना मुश्किल है। उनकी एकमात्र आजीविका नदी में मछली पकड़ना और उस मछलियों को बेचना है। उनका कहना था कि मछलिया ऐसे ही मर रहे हैं उनलोगों को परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है और समझ नहीं आता कि वे परिवार कैसे चलाएंगे। यह नदी ही एकमात्र आशा है। स्थानीय मछुआरे नदी के पानी में मछलिया पकड़कर बेचकर अपना जीवन यापन करते थे। अब परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। और उन्होंने सरकारी मदद की माग की।
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