बर्नपुर एयरपोर्ट के कार्य में बाधा डाल रहा धेनुआ गांव का पानी

संवाद सहयोगी बर्नपुर बर्नपुर धेनुआ स्थित एयरपोर्ट पर भारत सरकार की उड़ान योजना के तहत

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Dec 2020 12:32 AM (IST) Updated:Mon, 14 Dec 2020 12:32 AM (IST)
बर्नपुर एयरपोर्ट के कार्य में बाधा डाल रहा धेनुआ गांव का पानी
बर्नपुर एयरपोर्ट के कार्य में बाधा डाल रहा धेनुआ गांव का पानी

संवाद सहयोगी, बर्नपुर : बर्नपुर धेनुआ स्थित एयरपोर्ट पर भारत सरकार की उड़ान योजना के तहत एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया काम करा रहा है। इसमें एक और बाधा उत्पन्न हो गई है। चारदीवारी के अंदर सुरक्षा और मेंटेनेंस के लिए बनाए जा रहे पैरामीटर रोड में बगल के धेनुआं गांव का पानी जमा हो गया है। निरीक्षण के बाद कहा गया कि जब तक पानी को बंद नहीं किया जाएगा, तब तक काम पूरा नहीं हो सकता है।

साल की शुरुआत में सब डिवीजनल आफिसर ने पहल की थी। आसनसोल नगर निगम के अधिकारी, इस्को के अधिकारी और क्षेत्र के पार्षद के साथ विचार विमर्श हुआ था। सहमति बनी थी कि आसनसोल नगर निगम अपने खर्चे से धेनुआ गांव के जल को एयरपोर्ट चारदीवारी के बाहर गड्ढा बनाकर जमा करने की व्यवस्था करेगा। इसी उम्मीद पर एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया ने लंबित रोड बनाने का काम हाल में ही शुरू किया था। इस बीच आसनसोल नगर निगम के बोर्ड भंग होने के कारण इस पर खर्चा करना कठिन हो गया। पूर्व पार्षद ने भी वर्तमान स्थिति में कुछ मदद करने में अपनी असमर्थता जाहिर कर दी। जिस कारण बर्नपुर से शुरु होने वाली उड़ान सेवा में विलंब हो रहा है। बता दें इस्को स्टील प्लांट के अधीन बर्नपुर एयरपोर्ट को भारत सरकार के आरसीएस (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से पिछले दो साल से तैयार किया जा रहा है।

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उड़ान सेवा में बाधक है पेड़

हाल ही में इस्को स्टील प्लांट ने एयरपोर्ट की चारदीवारी के अंदर स्थित 51 पेड़ों को डिवीजनल फारेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) की अनुमति से कटवाया गया। चारदीवारी के बाहर स्थित एक मोबाइल टावर की ऊंचाई को भी घटा दिया गया है, लेकिन चारदीवारी के बाहर गांव वालों की निजी जमीन और पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिग विभाग की चारदीवारी में खड़े कई पेड़ों को काटने की योजना पिछले साल से ही चल रही है। पेड़ों को काटने के लिए उनके मालिकों को सरकारी दर पर मुआवजा देने पर भी सहमति हो गई है,लेकिन कोरोना कारण योजना के कार्यान्वयन में देरी हो गई है। दूसरी ओर अभी इस बात पर सहमति नहीं हो पाई है कि पेड़ काटने का नोटिस कैसे और कौन देगा। जब तक बाधाओं को नहीं हटा दिया जाता, तब तक इस्को स्टील प्लांट को डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से बर्नपुर एयरपोर्ट के व्यावसायिक उपयोग के लिए पब्लिक केटेगरी का लाइसेंस नहीं मिलेंगा।

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वर्ष 2017 से निर्माण में आई तेजी

22 मार्च 2017 को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के अभियंता सुजय दास, नंद लाल और चिन्मय पाल ने सेल अधिकारियों के साथ पहला निरीक्षण किया था। इससे पहले एएआइ निदेशक डॉ. गुरुप्रसाद महापात्रा ने भी निरीक्षण किया था। इसके बाद एएआइ और सेल के मध्य 2018 में समझौता के बाद से यहां एयरपोर्ट को विकसित करने का कार्य आरंभ हुआ था। एएआइ ने सेल आइएसपी को पांच करोड़ रुपये की वित्तीय मदद की थी। इससे विद्युत, तकनीकी, रनवे, सिविल आदि कार्य को कराया गया था। लगभग 90 प्रतिशत एयरपोर्ट के कार्य पूरा हो गया है। एक वाणिज्यिक कंपनी को 20 सीटर विमान सेवा शुरु करने का दायित्व दिया गया है जो बर्नपुर से कोलकाता के लिए विमान सेवा पहले शुरू होगी। उसके बाद रांची, बोकारो और दिल्ली के लिए भी विमान सेवा शुरु होगी। यहां से कोलकाता तक का किराया लगभग 1500 से 2000 तक का होगा।

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पैरामीटर रोड बनाने में आ रही अड़चन को दूर करने का सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। जिससे जल्द से जल्द एयरपोर्ट के कार्य को पूरा किया जा सके।

भाष्कर कुमार, एयरपोर्ट के प्रभारी सह महाप्रबंधक, इस्को स्टील प्लांट, बर्नपुर

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