रोक बेअसर, धड़ल्ले से बिक रहा गुटखा

संवाद सहयोगी जामुड़िया बढ़ती नशाखोरी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने कुछ स

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:02 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:02 PM (IST)
रोक बेअसर, धड़ल्ले से बिक रहा गुटखा
रोक बेअसर, धड़ल्ले से बिक रहा गुटखा

संवाद सहयोगी, जामुड़िया : बढ़ती नशाखोरी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने कुछ समय पहले पूरे राज्य में जर्दा युक्त गुटखा पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने का निर्देश दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 अक्टूबर को जारी एक आदेश में कहा था कि तंबाकू या निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला के निर्माण, भंडारण, बिक्री या वितरण को एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है। राज्य सरकार के आदेश के अनुसार यह प्रतिबंध पूरे राज्यभर में 7 नवंबर से लागू किया गया था। लेकिन राज्य सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद भी हर जगह धड़ल्ले से गुटखा की बिक्री हो रही है। इस व्यवसाय से जुड़े दुकानों पर गुटखा पहले की भांति अभी भी उसी मात्रा में सहजता से उपलब्ध है। कार्रवाई के डर से कुछ दुकानदार गुटका पदार्थों को सामने से हटाकर दुकान के भीतर रखकर बेच रहे है। पहले के जैसे अभी भी उसी मूल्य में लोगों को गुटका मिल रहा है। पान मसाला दुकान के एक व्यवसाई ने अपना नाम न बताते हुए यह कहा कि सरकार का यह फैसला पूर्ण रूप से हास्यास्पद है। सरकार ने इस प्रकार का फैसला लेकर इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को परेशान करने की कोशिश की है। हम एक लंबे समय से इस व्यवसाय से जुड़े हैं इसी व्यवसाय के सहारे हमारा घर-परिवार चलता है। सरकार को गुटखा पर अंकुश लगाना है तो सबसे पहले गुटखा निर्माण करने वाली कंपनियों पर उत्पाद न करने का दबाव बनाना होगा। यकीनन गुटखा कंपनियों में पहले की भांति अभी भी उत्पाद हो रहा है इस कारण दुकानों तक सहज रूप से गुटका पहुंच रहा है। वहीं दुकानों तक गुटखा पहुंचाने वाले एक डीलर ने बताया कि सरकार के आदेश के बावजूद भी इस व्यवसाय में किसी प्रकार की रुकावट देखने को नहीं मिली है। हमें पहले की भांति उतनी मात्रा एवं उसी दाम में गुटका मिल रहा है। दुकानों पर भी पहले जितने दामों में गुटखा सामग्रियों की बिक्री की जा रही है जिससे यह स्पष्ट है कि गुटका कंपनियों में पहले के जैसा ही गुटखा उत्पाद हो रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका पेशा है इस कारण हम सरकार के इस फैसले से असंतुष्ट है। अगर नशाखोरी पर लगाम लगाना है तो नशे के हर सामानों पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। सिर्फ गुटखा पर अंकुश लगाकर बढ़ती नशाखोरी से मुक्ति नहीं पाई जा सकती। अशोक दास नामक गुटखा प्रेमी ने बताया कि नशा ऐसी लत है जिससे इतनी आसानी से निजात नहीं पाया जा सकता। अगर सरकार गुटखा बंद भी करती है तो नशे के आदि लोग किसी दूसरे माध्यम से नशा करेंगे। सरकार ने गुटखा पर प्रतिबंध लगाया है परंतु हर एक पान दुकानों में पहले की भांति उचित मूल्य पर गुटखा मिल रहा है। कई दुकानदार पहले के जैसे अभी भी दुकानों के बाहर सरेआम गुटखा टांग कर उसकी बिक्री कर रहे है, जो प्रशासन की नजरों में भी झलकता है परंतु जब प्रशासन ही ऐसे मामलों पर चुप्पी साध कर बैठी है तो गुटखा खाने वाले लोग गुटखा लेने से क्यों परहेज करें।

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