अनुदान की राशि बढ़ाने के लिए आंदोलन पर उतरे शिक्षक
सांकतोड़िया भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन के सहयोग से कोयला खदान शिक्षक मोर्चा के बैनर
सांकतोड़िया : भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन के सहयोग से कोयला खदान शिक्षक मोर्चा के बैनर तले ईसीएल के अनुदान पर चलने वाले स्कूलों के शिक्षकों ने शुक्रवार को अनुदान की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर सांकतोड़िया स्थित ईसीएल मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। सर्वप्रथम विभिन्न एरिया से आए शिक्षक डिसरगढ़ स्थित ईसीएल स्टेडियम में एकत्रित हुए। यहां से जुलूस के शक्ल में ईसीएल मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदर्शन किया। मौके पर शिक्षक मोर्चा के सचिव एचके पांडेय ने कहा कि कोल इंडिया के दिशा निर्देश के मुताबिक राज्य सरकार जितना अपने शिक्षकों को देती है उतना वेतन देने की मांग शिक्षक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईसीएल प्रबंधन को कई बार कहा गया लेकिन वह आंखें बंद किए हुए है। मात्र पांच से सात हजार रुपए प्रति शिक्षक देकर इतिश्री कर रहा है। कहा कि फिलहाल 162 स्कूलों में 450 शिक्षक कार्यरत हैं। टेरी के प्रस्ताव पर 44 स्कूलों को बंद कर दिया गया था। जबकि संस्तुति में कहा गया है कि जिन विद्यालयों को बंद किया गया है और उनमें अब भी शिक्षक पढ़ाने आ रहे हैं, उन सभी शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया जाए। लेकिन ईसीएल प्रबंधन ने ऐसे फिलहाल 33 स्कूलों को बंद कर रखा है। इससे 150 शिक्षक भूखमरी के कगार पर हैं। पूर्व में यह संख्या 44 थी। बाद में 11 स्कूलों को फिर से मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि पहले स्कूल कमेटियों में ईसीएल के ऑफिसर हुआ करते थे। उन्हीं लोगों ने शिक्षकों को रखा था। आज भी प्रतिवर्ष स्कूलों का ऑडिट करवाया जाता है। लेकिन हमें प्राइवेट किया जा रहा है। कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई तो हम अनिश्चितकालीन धरना पर बैठेंगे। इस संबंध में भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन के आसनसोल सांगठनिक जिला अध्यक्ष सत्यजीत अधिकारी ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि ये लोग उनके पास गए थे। उनकी मांगें जायज है। केंद्र से सीएसआर का फंड आता है। लेकिन इसकी अनदेखी की जा रही है।
मौके पर शिक्षक मोर्चा के अध्यक्ष संजय चौधरी, सचिव एचके पांडेय, हरेंद्र कुमार, रीता भट्टाचार्य, श्रीपुर एरिया के मार्कंडे मिश्रा, सत्येंद्र सिंह, सुशांत चटर्जी, हीरा राम, भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन के जिलाध्यक्ष सत्यजीत अधिकारी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित थे।