बस्ती के लोगों को उकसा रहा राम-वाम जोट
जागरण संवाददाता दुर्गापुर दुर्गापुर प्रोजेक्ट लिमिटेड (डीपीएल) को लेकर राजनीति गर्म है। र
जागरण संवाददाता, दुर्गापुर : दुर्गापुर प्रोजेक्ट लिमिटेड (डीपीएल) को लेकर राजनीति गर्म है। राज्य सरकार डीपीएल का पुनर्गठन कर उसे बचाना चाहती है। जिसके लिए डीपीएल की जमीन बिक्री की बात चल रही है। जिसके खिलाफ माकपा, भाजपा की ओर से आंदोलन किया जा रहा है। भाजपा ने एक सप्ताह के आंदोलन के बाद राज्यपाल से समय मांगा है, ताकि उन्हें ज्ञापन दिया जा सके। माकपा की ओर से भी डीपीएल के गेट पर आंदोलन किया गया है। अब शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस की ओर से डीपीएल गेट पर सभा हुई। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में तृणमूल ट्रेड यूनियन के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ पड़ियाल मौजूद थे। उन्होंने डीपीएल को लेकर माकपा व भाजपा के आंदोलन को उकसाने वाला बताया एवं उन्हें अशांति न करने एवं डीपीएल के पुनर्गठन में सहयोग की अपील की।
उन्होंने माकपा व भाजपा को राम-वाम जोट बताते हुए कहा कि राम-वाम गठबंधन बनाकर बंगाल में अशांति करना चाहते है। हमलोग यहां अशांति करने नहीं देंगे। लाकडाउन चल रहा है, इस कारण हमलोग शांत है, क्योंकि राज्य सरकार का निर्देश है। हर जगह लोगों को उकसाने की कोशिश की जा रही है, इसे बंद करना चाहिए, अन्यथा परिणाम काफी भयंकर होगा। डीपीएल को बचाने के लिए मुख्यमंत्री कदम उठा रही है, वह डीपीएल को बचाना चाहती है। जो माकपा के शासनकाल में दयनीय अवस्था में आ गया था। इस कारण उसके पुनर्गठन का कार्य किया जा रहा है। राजनीति के लिए केवल विरोध न करें, सब मिलकर एक साथ डीपीएल को बचाए। डीपीएल को सुरक्षित रखने से हजार-हजार लोग सुरक्षित रहेंगे, उनका परिवार बचा रहेगा। उनके पास कोई गठनमूलक प्रस्ताव है तो उसे सरकार को दें। विधायक लखन घोरूई पर निशाना साधते हुए कहा कि विधायक क्यों डीपीएल गेट के पास हंगामा करेंगे। वे विधानसभा सदस्य है, विधानसभा में मुख्यमंत्री, सरकार से पूछ सकते है कि डीपीएल को लेकर राज्य सरकार क्या सोच रही है, सरकार की क्या योजना है। विधानसभा में प्रश्न पूछने की हिम्मत नहीं है एवं वे यहां लोगों को उकसाने की कोशिश कर रहे है। चुनाव के समय माथा पर तिलक लगाकर जो आपके दल के लोगों ने जो किया है, हमारे कर्मी शांत है। ज्यादा उकसाने पर परिणाम भयंकर होगा। माकपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो डीपीएल के इस हाल के लिए दोषी है, उनके पैर से जमीन खिसक गई है। वे भी भाजपा के साथ लोगों को उकसाने में लगे है। यहां से किसी को क्वार्टर से हटने, बस्ती से हटने के लिए राज्य सरकार ने कोई आदेश नहीं दिया है। दुर्गापुर के बस्ती में जो तीस वर्षों से रहे है, जिनका वोटर कार्ड, आधार कार्ड है। उनके ऊपर आक्रमण होने पर ममता बनर्जी ही उन्हें बचा सकती है। जो एनआरसी के नाम पर लोगों से कागजात मांग कर बांग्लादेश भेजने की साजिश कर रहे है, वे क्या बस्ती की रक्षा करेंगे। मौके पर उज्जवल मुखर्जी, धर्मेंद्र यादव, मानस राय समेत अन्य मौजूद थे।