पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने की मांग

जागरण संवाददाता दुर्गापुर दुर्गापुर शहर एवं आसपास के इलाकों में परिवहन का लाइफ लाइन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 06:46 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 06:46 PM (IST)
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने की मांग
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने की मांग

जागरण संवाददाता, दुर्गापुर : दुर्गापुर शहर एवं आसपास के इलाकों में परिवहन का लाइफ लाइन मिनी बसों को माना जाता है। मिनी बस सेवा हर ग्रामीण इलाकों को शहरों से जोड़ती है। जिससे लोगों को काफी सुविधा होती है। पिछले वर्ष कोरोना महामारी के समय लॉकडाउन के कारण काफी दिनों तक बसों का परिचालन बंद था। उसके बाद जब बसों का परिचालन चालू हुआ तो कई शर्ते रखी गई थी। उस समय भी बसों का किराया बढ़ाने की मांग मिनी बस मालिक एसोसिएशन की ओर से की गई थी। लेकिन राज्य सरकार ने किराया में वृद्धि नहीं की। इस बार भी कोरोना महामारी की दूसरी लहर में भी मिनी बसों का परिचालन बंद है एवं डीजल का मूल्य करीब 90 रुपया प्रति लीटर पहुंच गया है। ऐसे समय में बिना किराया वृद्धि के बस चलाना संभव नहीं है। इस कारण बस मालिकों ने किराया न्यूनतम 15-20 रुपया करने की मांग की है अन्यथा पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने की मांग की है। जिसके लिए मुख्यमंत्री, जिला शासक को पत्र भेजा है। शनिवार को मालिकों ने सांकेतिक प्रदर्शन भी अपने यूनियन कार्यालय के समक्ष किया।

दुर्गापुर महकमा में 250 मिनी बसों का परिचालन होता है। जो दुर्गापुर, अंडाल, पांडवेश्वर, लावदोहा, पानागढ़ आदि इलाकों से बस चलती है। इन बसों में एक हजार कर्मी काम करतें हैं। एक माह से लॉकडाउन में मिनी बस सेवा बंद है। अब धीरे-धीरे लॉकडाउन में थोड़ी छूट दी जा रही है, वैसे में बस कर्मियों को भी सेवा शुरू होने की उम्मीद है। लेकिन मालिकों ने बिना किराया वृद्धि के बस सेवा शुरू करने में असमर्थता जता दी है। दुर्गापुर मिनी बस एसोसिएशन के महासचिव काजल दे ने कहा कि पुराने न्यूनतम किराए में बस चलाना संभव नहीं है। वर्तमान समय में डीजल महंगा मिल रहा है। ऐसे में किराया 15-20 रुपया होना चाहिए। लेकिन इस महामारी में आम जनता भी उतना किराया देने में असमर्थ होंगे। इस कारण मुख्यमंत्री से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने की मांग की गई है। उनका तर्क है कि बस चलाने में तेल, श्रमिकों के वेतन, बीमा व अन्य कागजात तैयार करना जरूरी होता है। वर्ष 2014 में डीजल 56 रुपया था। बीमा का खर्च पहले 20-30 हजार था, जो अब 57 हजार हो गया है। हमलोगों ने पश्चिम ब‌र्द्धमान जिला के चार मालिक संगठनों से बातचीत कर यह निर्णय लिया है। जब हमारा खर्च भी नहीं आएगा तो बस चलाकर क्या फायदा है। मालूम हो कि फिलहाल बस का न्यूनतम किराया आठ रुपये हैं। प्रदर्शन में मनोरंजन मंडल समेत अन्य मौजूद थे।

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