मिड डे मील की खराब गुणवत्ता को लेकर शिक्षा मंत्री से शिकायत

जागरण संवाददाता आसनसोल राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले मिड डे मील का पहली बार जि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 10:46 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 10:46 PM (IST)
मिड डे मील की खराब गुणवत्ता को लेकर शिक्षा मंत्री से शिकायत
मिड डे मील की खराब गुणवत्ता को लेकर शिक्षा मंत्री से शिकायत

जागरण संवाददाता, आसनसोल : राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले मिड डे मील का पहली बार जिला प्रशासन की ओर से एजेंसी के माध्यम से वितरण कराया जा रहा है। कुछ स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले अनाज की गुणवत्ता खराब होने तथा नए नियम के तहत मिड डे मील का अनाज वितरण करने से कुछ स्कूलों में बुधवार से मिड डे मील का राशन नहीं बंटा। इस पर वेस्ट बंगाल तृणमूल प्राथमिक शिक्षक संगठन ने भी आपत्ति जताई है। इसे लेकर संगठन की ओर से राज्य मिड डे मील के निदेशक तपन अधिकारी और शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को शिकायत पत्र भेजा गया है। पश्चिम ब‌र्द्धमान में प्राथमिक स्कूलों की संख्या 1005, हाईस्कूल की संख्या 189 और सेकेंडरी स्कूल की संख्या 111 है। इनमें कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मिड डे मील का भोजन दिया जाता है। इन दिनों स्कूल बंद होने के कारण एमडीएम के राशन को स्कूलों के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों में बुधवार से वितरण शुरु किया गया। इससे पहले विभिन्न स्कूलों में मिड डे मील का अनाज का वितरण स्कूलों द्वारा किया जाता था। लेकिन इस बार से अनाज का वितरण जिला प्रशासन की ओर से एजेंसी के माध्यम से किया जा रहा है। इसमें परेशानी यह है कि प्रत्येक ब्लॉक में एक या दो स्कूलों में ही वितरण केंद्र बनाया गया है। जहां से उन ब्लॉकों के प्रत्येक स्कूलों को अनाज लेना होगा, इसके बाद स्कूलों में वितरण करना होगा। कुछ स्कूल ऐसे है जो वितरण केंद्र से 7 से 10 किमी. की दूरी पर है। ऐसे में उन स्कूलों को ट्रांसपोर्टिंग का खर्च खुद उठाना होगा। स्कूलों के समक्ष यह समस्या आ गई है।

हीरापुर ब्लॉक में प्राथमिक एवं हाई सेकेंडरी मिलाकर कुल 100 स्कूलों के लिए वितरण केंद्र रामबांध आदर्श विद्यालय में बनाया गया है। आसनसोल में प्राथमिक एवं हाई सेकेंडरी मिलाकर कुल 140 स्कूल है, उनका वितरण सेंटर धाधका एनसी लाहिरी और रामकृष्ण स्कूल में बनाया गया है। बाराबनी ब्लॉक में बीडीओ कार्यालय सहित तीन सेंटर से ग्राम पंचायत के माध्यम से स्कूलों में मिड डे मील का राशन पहुंचाया गया है। जामुड़िया एक, जामुड़िया दो, रानीगंज, चित्तरंजन के स्कूलों में जिला प्रशासन की ओर से राशन पहुंचाया गया है। दुर्गापुर के स्कूलों में प्रशासन की ओर से नगर निगम के माध्यम से राशन पहुंचा दिया गया है। जबकि कांकसा ब्लॉक में कुछ स्कूलों में ही मिड डे मील को भेजा गया है। जबकि राशन की पैकेजिग नहीं होने के कारण कुछ स्कूलों में आज से मिड डे मील का राशन छात्रों में वितरण नहीं किया जा सका है। स्कूलों की ओर से आरोप है कि राशन की गुणवत्ता सही नहीं है, परिमाण में भी कमी है।

खराब गुणवत्ता के अनाज को बदलने का निर्देश : पश्चिम ब‌र्द्धमान जिला शासक विभू गोयल ने कहा कि सरकारी एजेंसी द्वारा 10 से 11 जिलों में मिड डे मील को एजेंसी के माध्यम से वितरित कराया जा रहा है। कोरोना काल में अध्यापक बाहर नहीं निकल पा रहे थे, बच्चे भी स्कूल नहीं आ रहे है। इन सब कारणों को देखते हुए एजेंसी को यह कार्य सौंपा गया है। दो स्कूलों में राशन की गुणवत्ता खराब है, इसकी जांच चल रही है। एजेंसी को निर्देश दिया गया है कि वहां का पूरा राशन बदलकर दिया जाना चाहिए।

अनाज की गुणवत्ता खराब होने से सरकार की बदनामी : वेस्ट बंगाल तृणमूल प्राथमिक शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक रुद्र ने कहा कि पश्चिम ब‌र्द्धमान एक मात्र ऐसा जिला है यहां पहली बार राज्य के प्रत्येक जिलों में मिड डे मील वितरण नियम को छोड़कर अलग नियम से एमडीएम का वितरण किया जा रहा है। इससे हमलोगों को कोई आपत्ति नहीं है। अगर प्रशासन खुद स्कूल में राशन पहुंचा दे तो ठीक है। अगर वितरण सेंटर से स्कूल लेने आएगा तो ट्रांसपोर्टिंग का खर्च अतिरिक्त स्कूल पर पड़ेगा। अनाज की गुणवत्ता सही होनी चाहिए। कुछ स्कूलों से शिकायत मिली है की अनाज की गुणवत्ता सही नहीं है, इसकी शिकायत मिड डे मील निदेशक तपन अधिकारी और शिक्षा मंत्री को लिखित दी गई है। अगर बच्चों को अनाज की गुणवत्ता सही नहीं मिलेगी तो शिक्षकों को अभिभावकों के आक्रोश का समाना करना पड़ेगा, इससे सरकार की छवि भी खराब होगी।

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