अधिक मुनाफा देने वाली कंपनियों को बेच रही सरकार

सांकतोड़िया कोयला खदानों में बढ़ती खान दुर्घटनाओं को कम करने के लिए श्रम मंत्रालय के खा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Feb 2021 06:31 PM (IST) Updated:Fri, 05 Feb 2021 06:31 PM (IST)
अधिक मुनाफा देने वाली कंपनियों को बेच रही सरकार
अधिक मुनाफा देने वाली कंपनियों को बेच रही सरकार

सांकतोड़िया : कोयला खदानों में बढ़ती खान दुर्घटनाओं को कम करने के लिए श्रम मंत्रालय के खान सुरक्षा महानिदेशालय को चुस्त व जवाबदेह बनाए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर खान श्रमिक कांग्रेस (भारतीय मजदूर संघ) के बैनर तले शुक्रवार को ईसीएल मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया।

इस दौरान भामसं के क्षेत्रीय संगठन सचिव (पूर्वी जोन) गणेश मिश्रा ने कहा कि सरकार उन कंपनियों को पहले बेच रही है जो सबसे अधिक मुनाफा देती है। भारतीय मजदूर संघ वह संगठन है जो सरकार को झुका सकता है। उन्होंने 14 फीसद एफडीआइ का विरोध किया। एबीकेएमएस के उपाध्यक्ष गोराचंद चटर्जी ने कहा कि करीब तीन लाख कोयला मजदूर 700 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करते हैं। जबकि कभी सात लाख कोयला मजदूर 200 मिलियन टन कोयला पैदा करते थे। आज मजदूरों को ठेका मजदूर में बदल दिया गया है। जबकि उन्हें हाई पावर कमेटी के अनुमोदित वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। सिविक वॉलेंटियर के युवाओं को 8000 मासिक दिया जाता है, जबकि 25000 मासिक दिया जाना चाहिए था। इस दौरान केंद्रीय सरकार द्वारा कामर्शियल कोल माइनिग के लिए ब्लॉक आवंटन किए जाने की नीति की आलोचना कर इसे बंद करने की मांग की। इस दौरान एक जनवरी 2017 से सेवानिवृत्त हुए कामगारों की ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख रुपये करने, कोरोना के कारण मृत स्थाई व ठेका मजदूरों के स्वजनों को 15 लाख रुपये एक्सग्रेसिया देने की मांग भी की गई। मौके पर भामसं के प्रदेश महासचिव उज्जवल मुखर्जी, प्रदेश सचिव जयनाथ चौबे, कार्तिक गोराई, धर्मचंद्र मिश्रा, असीम कुमार मिश्रा, मोहन मंडल, अंगद उपाध्याय, अभय कृष्ण चौधरी आदि उपस्थित थे।

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