कोलियरी चालू नहीं हुई तो होगा आंदोलन

संवाद सहयोगी जामुड़िया ईसीएल के केंदा एरिया अंतर्गत न्यू केंदा कोलियरी विगत अप्रैल महीने स

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 11:12 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 11:12 PM (IST)
कोलियरी चालू नहीं हुई तो होगा आंदोलन
कोलियरी चालू नहीं हुई तो होगा आंदोलन

संवाद सहयोगी, जामुड़िया : ईसीएल के केंदा एरिया अंतर्गत न्यू केंदा कोलियरी विगत अप्रैल महीने से बंद है। इसके विरोध में न्यू केंदा कोलियरी व ईसीएल के केंदा ओसीपी यूनिट के श्रमिकों ने श्रमिक संगठन केकेएससी के बैनर तले शुक्रवार को एरिया एजेंट कार्यालय के बाहर कोलियरी चालू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित मजदूरों ने कोलियरी चालू करने की मांग करते हुए प्रबंधन के विरोध में जमकर नारेबाजी की। साथ ही सात दिनों में कोलियरी चालू नहीं होने पर बड़े पैमाने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए केकेएससी के केंदा एरिया सचिव रूपक चक्रवर्ती ने कहा कि ईसीएल की लापरवाही एवं अधिकारियों की मिलीभगत से इस ऊर्जावान कोलियरी को बंद किया गया है। प्रबंधन इस भूमिगत खदान को बंद कर न्यू केंदा ओसीपी के दायरे को बढ़ाना चाहता है। ओसीपी में होने वाली ब्लास्टिग के कारण स्थानीय लोगों को असुविधा हो रही है और प्रदूषण फैल रहा है जो हमें मंजूर नहीं। अगर न्यू केंदा कोलियरी को चालू नहीं किया गया तो हम ओसीपी का कार्य भी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि ईसीएल भी केंद्र सरकार के इशारे पर कार्य कर रहा है। एक तरफ केंद्र सरकार कोयला उद्योग का निजीकरण कर कोल इंडिया में कार्यरत मजदूरों का भविष्य अंधकार की ओर ले जाना चाहती है। वहीं दूसरी ओर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस तानाशाही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं। तृणमूल से संबंधित श्रमिक संगठन केकेएससी भी इस षडयंत्र के खिलाफ मजदूरों को एकजुट करता आया है। उन्होंने कहा कि हम प्रबंधन को षड्यंत्र के तहत कोलियरी बंद करने नहीं देंगे। इसके लिए हमें जहां तक जाना होगा केकेएससी का नेतृत्व जाने को राजी है। केकेएससी के महामंत्री व वर्तमान में जामुड़िया के विधायक हरेराम सिंह भी प्रबंधन की इस तानाशाही के खिलाफ हैं। उन्होंने इस आंदोलन को आगे ले जाने का निर्देश दिया एवं आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ी तो वह खुद आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। उन्होंने कहा कि हम प्रबंधन को खदान चालू करने के लिए सात दिनों का समय देते है, सात दिनों के बाद भी खदान चालू नहीं की गई तो केकेएससी एक बड़े आंदोलन का आह्वान करेगा। इस मौके पर संगठन के सचिव देवाशीष चटर्जी, नरेश यादव, सुरेश सिंह, बीके सिंह, पार्थो चटर्जी आदि उपस्थित थे।

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