मुस्लिम वोट में सेंधमारी कही बिगाड़ न दे खेल
प्रदीप सिंह आसनसोल राज्य सरकार के श्रम विधि एवं न्याय मंत्री मलय घटक के लिए आसनसोल उत्तर
प्रदीप सिंह, आसनसोल : राज्य सरकार के श्रम, विधि एवं न्याय मंत्री मलय घटक के लिए आसनसोल उत्तर विधानसभा सीट से हैट्रिक की राह अब आसान नहीं लग रही है। यहां से सत्ताधारी दल के मंत्री के खड़े होने से तृकां के लिए यह सीट काफी अहम है। संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय सेक्यूलर मजलिस पार्टी के टिकट पर मो. मुस्तकीम और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (मीम) के दानिश अजीज के आसनसोल उत्तर विधानसभा सीट से मैदान में आने से चुनाव दिलचस्प हो गया है। पिछले दो विधानसभा चुनाव में लगातार आसनसोल उत्तर में टीएमसी का परचम लहराने वाले मलय घटक के सामने भाजपा ने कृष्णेंदु मुखर्जी पर दांव खेला है। मलय घटक मुस्लिम वोट को न बंटने देने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। कृष्णेंदु भी भाजपा के परंपरागत वोट व एक वर्ग में अपनी पूरी पैठ बनाने के लिए ऐडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन इस सीट से मोहम्मद मुस्तकीम और दानिश अजीज के आने के बाद तृणमूल के मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की संभावना प्रबल हो गई है। हालांकि पार्टी नेता यह मान रहे हैं कि कोई भी यहां उम्मीदवार आए तृणमूल को कोई नुकसान नहीं होगा। यहां की जनता दीदी के विकास कार्यों व कल्याणकारी योजनाओं के आधार पर पार्टी प्रत्याशी को वोट करेगी।
आसनसोल उत्तर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है और पिछले चुनाव की बात करें तो मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में तृणमूल को खासी बढ़त हासिल होती है। लेकिन इस बार संयुक्त मोर्चा से मो. मुस्तकीम व मीम से दानिश अजीज के आ जाने से आसनसोल उत्तर विधानसभा का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है और लोगों की निगाहें भी इस विधानसभा पर टिक गई हैं। वैसे तो दो मई को ही निर्णय होगा। लेकिन मो. मुस्तकीम के आने से माकपा सहित संयुक्त मोर्चा के अन्य घटक दलों में उत्साह है। दावा भी किया जा रहा है कि पार्टी के परंपरागत वोट के साथ मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन उन्हें फिर से इस सीट पर काबिज करा देगा। वही दूसरी ओर मुस्लिम वोट बंटने से भाजपा प्रत्याशी कृष्णेंदु मुखर्जी की स्थिति मजबूत होती दिख रही है। इस विधानसभा में भाजपा का परंपरागत वोट है। पिछले लोकसभा चुनाव में आसनसोल उत्तर से भाजपा को बढ़त भी मिली थी।