रानीगंज को महकमा घोषित करने की मांग
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संवाद सहयोगी, रानीगंज : रानीगंज को फिर से महकमा शहर घोषित करने की मांग को लेकर रानीगंज सिटीजन फोरम ने 9 दिसंबर बृहस्पतिवार को जिला शासक कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है। फोरम के प्रवक्ता आरपी खेतान एवं सिटीजन फोरम के सदस्य के साथ यहां के लोग आज सुबह से ही जागरूकता अभियान के साथ-साथ एवं प्रचार प्रसार कर रहे हैं। आज सुबह रोबिन सैनी स्टेडियम में सदस्यों की ओर से प्रचार प्रसार किया गया एवं परिचय बांटकर रानीगंज के महत्व को को जहां बताया गया। वहीं होने वाली और सुविधाओं पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि 1847 से 1906 तक रानीगंज महकमा शहर सबडिवीजन था। 1855 में जब रेल सेवा शुरू हुई। उस दरमियान हावड़ा से रानीगंज को प्रथम चरण का रेलवे स्टेशन का दर्जा प्राप्त है।
सन 1834 में टैगोर कार कोयला कंपनी का गठन हुआ था। उस दरमियान रानीगंज शहर से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर नारायण कुरी नामक जगह पर प्रथम कोयला खान बनी थी। जिसे कवि गुरु रविद्र नाथ टैगोर के पितामाह प्रिस द्वारका नाथ ठाकुर ने शुभारंभ किया था। वैसे हम कर सकते हैं कि प्रथम पदार्पण पश्चिम बंगाल के रानीगंज में कोयला उद्योग का कार टैगोर कंपनी के नाम से प्रिस द्वारकानाथ ठाकुर ने किया था। जिससे भारत की प्रथम कोयला खान का महत्व दुनिया के सामने बरकरार रहे। आज रानीगंज में कोयला अंचल के नाम से कोयला उद्योग प्रचलित हुआ है। रानीगंज शहर भारत की धरोहर है। वहीं करना चाहिए। रानीगंज का सब डिवीजन चले जाने की वजह से इस शहर की स्थिति बहुत ही दयनीय हो चुकी है। पूरी तरह से इंटरेस्ट अक्षर नष्ट हो चुका है। नगर पालिका का दर्जा छिन जा चुका है। हाट बाजार पुरानी अवस्था में होने की वजह से जाम आम समस्या बन गई है।