गो तस्कर इनामुल की जमानत अर्जी खारिज,10 को फिर होगी सुनवाई

आसनसोल भारत बांग्लादेश सीमा पर गो तस्करी मामले में आसनसोल जेल में कैद कुख्यात गो तस्कर इनामु

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 07:18 PM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 07:18 PM (IST)
गो तस्कर इनामुल की जमानत अर्जी खारिज,10 को फिर होगी सुनवाई
गो तस्कर इनामुल की जमानत अर्जी खारिज,10 को फिर होगी सुनवाई

आसनसोल: भारत बांग्लादेश सीमा पर गो तस्करी मामले में आसनसोल जेल में कैद कुख्यात गो तस्कर इनामुल हक को बुधवार को कड़ी सुरक्षा में आसनसोल जेल से आसनसोल सीबीआइ अदालत में पेश किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत सीबीआइ जज जयश्री बनर्जी ने आरोपित की जमानत अर्जी निरस्त कर उसकी अगली पेशी 10 फरवरी 2021 को रखी है। अब उसे 10 फरवरी 2021 को आसनसोल सीबीआइ अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआइ अदालत ने इस मामले में आरोपित विनय मिश्रा के खिलाफ सर्च वारंट जारी किया। जबकि आरोपित गुलाम मुस्तफा के खिलाफ सीबीआइ अदालत ने गिरफ्तारी का परवाना जारी किया। बचाव पक्ष के वकील शेखर चंद्र कुंडू ने कहा कि सीबीआइ ने जो धारा लगाई है, उसमें यदि सीबीआइ 60 दिन के अंदर अदालत में आरोप पत्र दाखिल नहीं करती है तो आरोपित इनामुल हक को कानूनन जमानत मिलनी चाहिए। क्योंकि गो तस्करी में सिर्फ इस राज्य के लोग नहीं मिले हैं, इसके तार उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड एवं मध्य प्रदेश तक फैले हैं। जवाब में सीबीआइ के वकील कालीचरण मिश्रा ने अदालत को बताया कि यह मामला हजारों करोड़ रुपये के घोटाला से जुडा हुआ है। यह मामला राष्ट्रीय हित से जुड़ा हुआ है। इस मामले को अदालत को दूसरे चश्मे से देखना होगा। क्योंकि यह मामला में भारत बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ एवं कस्टम को मिलाकर जाली कागजात बनाकर गो तस्करी कर गो तस्करों ने देश की अर्थ व्यवस्था को खोखला कर दिया है। इसके साथ ही इससे आए रुपये को राष्ट्र के खिलाफ लगाया। जैसे-जैसे सीबीआइ इस मामले में जांच को आगे बढ़ा रही है, रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। सात दिनों के अंदर सीबीआइ इस मामले को कुछ ऐसी धाराएं लगाएगी, ताकि इनामुल हक को लंबे समय तक कैद रखा जा सके। क्योंकि सीबीआइ का मानना है कि एक बार यदि इनामुल हक जेल से बाहर आया तो वह दोबारा सीबीआइ के हाथ नहीं लगेगा। जैसे लाला एवं विनय मिश्रा आज तक सीबीआइ के हाथ नही लगे हैं। कोयला तथा गो तस्करी मामले में लाला और विनय मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होने से सीबीआइ इस मामले में एक इंच भी आगे नहीं बढ़ पा रही है।

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