युवाओं को इनोवेशन पर जोर देने की जरूरत
बेनाचिति केंद्रीय यांत्रिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआइ) में गुरुवार को पानी की
बेनाचिति : केंद्रीय यांत्रिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआइ) में गुरुवार को पानी की गुणवत्ता के आकलन के लिए विश्लेषणात्मक तकनीक और उपकरण की जानकारी देने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम किया गया। इसमें बर्द्धमान विश्वविद्यालय के नब कुमार मंडल, आसनसोल के बीबी कॉलेज के डॉ. अमिताभ बासु आदि मौजूद थे। बीबी कॉलेज के कई छात्र और संकाय सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया। सीएमईआरआइ के निदेशक प्रो. डॉ. हरीश हिरानी ने कहा कि हमारा देश वह राष्ट्र है जहां बहुसंख्यक आबादी कम उम्र की है और इस तरह की युवा पीढ़ी को इनोवेशन के लिए आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया। क्योंकि इनोवेशन से ही समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। नई तकनीकों का विकास भी जरूरी है। इनोवेशन पर जोर देना हमारा मकसद है। युवाओं को इस दिशा में काम करना चाहिए। उचित जल शोधन प्रक्रिया के लिए सीएसआईआर-सीएमईआरआई ने संस्थान में एक जल परीक्षण सुविधा भी स्थापित की है।
उत्पादन की लागत को कम करने के लिए उपकरणों का प्रभावी उपयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कौशल विकास कार्यक्रमों की व्यवस्थित करने से छात्र को सीखने को मिलेगा। नव कुमार मंडल ने भी पानी से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए उचित जल परीक्षण की आवश्यकता और जागरूकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान, बांकुड़ा, बीरभूम में जल जनित कई रोग से लोग जूझ रहे हैं। सीएमईआरआइ की तकनीक से जल को शुद्ध करने में सुविधा होगी।