मुख्यमंत्री से मिलने डेढ़ घंटा धूप में खड़े रहे भाजपा में गए पूर्व मंत्री

दुर्गापुर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार शाम से सिटी सेंटर स्थित होटल में ठहरी हुई थी। वष

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Mar 2021 06:51 PM (IST) Updated:Mon, 15 Mar 2021 06:51 PM (IST)
मुख्यमंत्री से मिलने डेढ़ घंटा धूप में खड़े रहे भाजपा में गए पूर्व मंत्री
मुख्यमंत्री से मिलने डेढ़ घंटा धूप में खड़े रहे भाजपा में गए पूर्व मंत्री

दुर्गापुर : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार शाम से सिटी सेंटर स्थित होटल में ठहरी हुई थी। वर्ष 2011 में सत्ता परिवर्तन के बाद ममता बनर्जी के नेतृत्व में बने मंत्रीमंडल में बांकुड़ा जिले से विधायक श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंत्री भी थे। कुछ माह पहले उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (तृकां) से बगावत कर दी एवं भाजपा का दामन थाम लिया। इस बीच सोमवार को वो मुख्यमंत्री से मिलने के लिए दुर्गापुर पहुंचे गए। इसके बाद से उनके फिर से तृकां में शामिल होने के प्रयास की चर्चा हो गई। तकरीबन 11 बजे से वे सिटी सेंटर स्थित होटल के सामने धूप में अपने एक साथी के साथ खड़े रहे। मुख्यमंत्री के पास मिलने के लिए संदेश भी भिजवाया। लेकिन मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिली। अंत में उन्हें बैरंग वापस लौट जाना पड़ा।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंत्री के साथ-साथ विष्णुपुर नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन भी थे। मुख्यमंत्री को पुरूलिया जाना था, इस कारण 12 बजे होटल से निकलने वाली थी। इस कारण लोगों की भीड़ भी थी एवं पुलिस की ओर से सुरक्षा का व्यापक बंदोबस्त भी था। उस भीड़ में ही पूर्व मंत्री श्यामा प्रसाद भी शामिल थे। जहां तृकां कार्यकर्ताओं से बातचीत भी कर रहे थे। वहीं मीडिया से बातचीत में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा कि हमारे इलाके में एक दिन पहले जो व्यक्ति पार्टी में शामिल हुआ, उसे भाजपा ने टिकट दे दिया है। टिकट को बिक्री किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दीदी की शारीरिक अस्वस्था की खोज लेने आया हूं। अगर वो समय दे तो बात होगी। वो बात करेगी या नहीं, वह उनका निर्णय है। एक भाजपा नेता अचानक कैसे मुख्यमंत्री से मिलने आएं, इस संदर्भ में कहा कि क्यों प्रधानमंत्री के पास अन्य दल के लोग नहीं जाते हैं। उनके इन सब बात से फिर से तृकां में आने के प्रयास को हवा मिल रही है। इस संदर्भ में दुर्गापुर पश्चिम के तृकां जिलाध्यक्ष अपूर्व मुखर्जी ने कहा कि इस संदर्भ में मुझे कोई जानकारी नहीं है। वे उम्र में मेरे से वरीय है, लेकिन बच्चों की तरह यह चाहिए, वह चाहिए करते रहे। दल ने उन्हें बहुत कुछ दिया था।

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