आसनसोल में 17 पत्थर खदान व 80 क्रशर बंद
जागरण संवाददाता आसनसोल 2016 के जून माह से पत्थर खदान क्रसर मशीन बंद होने से खदान क्रश
जागरण संवाददाता, आसनसोल :
2016 के जून माह से पत्थर खदान, क्रसर मशीन बंद होने से खदान, क्रशर मालिकों सहित लगभग तीन हजार लोगों के समक्ष आर्थिक संकट पैदा होने पर सोमवार को आसनसोल पत्थर खदान और क्रशर वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी जिला शासक कार्यालय पहुंचे। लेकिन जिला शासक के कार्यालय में नहीं होने के कारण वह लोग बैरंग लौट गये।
एसोसिएशन की ओर से आए नंदकिशोर शर्मा, देवब्रत सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश के बाद आसनसोल में 17 पत्थर खदान और 80 क्रसर बंद है। उन लोगों को समझ में नहीं आ रहा है। अगर कुछ कमियां है तो प्रशासन जानकारी दे। जिससे वह लोग अपने कागजात को दुरुस्त कर अपनी कारोबार को आरंभ कर सके। खदान व क्रसर बंद होने से कई वर्षों से हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। लेकिन सरकार व जिला प्रशासन क्या चाहता है, समझ में नहीं आ रहा है। पिछले दिनों राज्य के कानून व लोक निर्माण मंत्री मलय घटक से मिलकर समस्याओं को रखा था। मंत्री जी ने उन लोगों को जिला शासक से मुलाकात करने के लिए कहा था। यहां आने पर पता चला कि वह अवकाश में है। एसोसिएशन के सदस्य देवव्रत सिंह ने कहा कि खदान और क्रसर बंद होने से आसनसोल सहित पूरे जिले में झारखंड से पत्थर आ रहे हैं। इससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान होने के साथ यहां के हजारों मजूदरों के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। इस दौरान मुकेश गुप्ता, अमित कुमार सान्याल, शिवशंकर घोष, उत्तम घोष, राकेश सिंह, तारापद मंडल, मो. कादिर आदि उपस्थित थे।
नियमों के बारे में सही जानकारी दी जाए : जिला प्रशासन, राज्य सरकार क्या चाहती है, निर्देश जारी करे। एसोसिएशन सभी निर्देशों का पालन करेगा। जिससे मजूदरों का आर्थिक संकट दूर हो सके। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय राय ने कहा कि उन लोगों से संबंधित विभाग कागजात मांगते है। वह लोग कागजात देने के लिए तैयार है, लेकिन कागजात किसे दिया जाए इसकी जानकारी जिला प्रशासन दे। राज्य सरकार सब कुछ बंद कर देगी तो आखिर रोजगार कैसे मुहैया होगा। बंद करने से समस्या का समाधान नहीं होगा। समाधान के लिए सरकारी नियमों के बारे में संबंधित व्यवसायियों को सही जानकारी मुहैया कराई जाए। आसनसोल अनुमंडल में प्राकृतिक संपदा है, जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन कागजी प्रक्रिया की जटिलता के कारण दिक्कत हो रही है। जिला प्रशासन को समस्याओं के प्रति गंभीर होकर समाधान निकालना चाहिए।