बैंचा घाटी में कब बनेगा उम्मीदों का पुल

मोरे के बैंचा घाटी में सतलुज की जखोल-सांकरी जलविद्युत परियोजना का बैराज प्रस्तावित है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 04:22 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 09:11 PM (IST)
बैंचा घाटी में कब बनेगा उम्मीदों का पुल
बैंचा घाटी में कब बनेगा उम्मीदों का पुल

संवाद सूत्र, पुरोला: मोरी के बैंचा घाटी में सतलुज की जखोल-सांकरी जलविद्युत परियोजना का बैराज प्रस्तावित है। जहां बैराज बनाया जाना है, वहां पूर्व में पंचगाई पट्टी के पांच गांव को जोड़ने वाले खेडा-बैंचा मोटर पुल प्रस्तावित किया था। अब नए साइड सलेक्शन में पुल की लागत बढ़ने से निर्माण में अड़चने पैदा हो गई हैं, जिससे पंचगाई पट्टी के ग्रामीणों में कार्यदायी संस्था वाप्कोस, एसजेवीएन समेत प्रशासन के रवैये को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

बीते पांच वर्षों में तीन बार नये- नये साइड सलेक्शन हो चुके हैं। हर नये साइड सलेक्शन पर प्रस्तावित पुल निर्माण की लागत भी बढ़ रही है। पुल निर्माण कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। इस पुल के निर्माण को लेकर दो बार जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यदायी कंपनी और एसजेवीएनएल की बैठक हो चुकी है। अब पुल निर्माण के लिए नए स्थान का चयन किया गया है।

जखोल वार्ड के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत ने बताया कि पुल कि निर्माण न होने से सड़क का भी कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। पुल न बनने के कारण बीते वर्ष बैंचा घाटी में फिताड़ी का 24 वर्षीय युवक बह गया था। अब पंचगाई पट्टी के ग्रामीण पुल निर्माण को लेकर एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। जिससे प्रशासन की नींद टूट सके। नये स्थान पुल निर्माण की साइड का चुनाव किया गया है। उस स्थान का भू-वैज्ञानिकों ने भी सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया हैं। मामले के निस्तारण को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सतलुज व वाप्कोस के बीच दो बार बैठक हो चुकी है। नवीन साइड सलेक्शन के अनुरूप डीपीआर तैयार की गई। ताकि पुल निर्माण कार्य जल्द शुरु किया जा सके।

स्वास्तिक कुकरेती अधिशासी अभियंता, वाप्कोस कंपनी मोरी

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