भूधसाव से खौफजदा ग्रामीणों ने टैंटों में गुजारी रात

जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित मस्ताड़ी गांव में भूधसाव और घरों के अंदर पानी निकलने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:58 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:58 PM (IST)
भूधसाव से खौफजदा ग्रामीणों ने टैंटों में गुजारी रात
भूधसाव से खौफजदा ग्रामीणों ने टैंटों में गुजारी रात

जागरण संवाददाता उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित मस्ताड़ी गांव में भूधसाव और घरों के अंदर पानी निकलने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए उपजिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी ने गांव में तीन टैंट लगा दिए हैं। जिनमें बृहस्पतिवार की रात को आठ परिवारों के सदस्यों ने रात बितायी, जबकि कुछ परिवार अपने जर्जर घरों में ही सोने के लिए विवश हुए। मस्ताड़ी गांव के प्रधान सत्यनारायण सेमवाल ने कहा कि अन्य परिवारों के लिए भी गांव में टैंटों की जरूरत है। अधिकांश परिवार ऐसे हैं जिनके साथ बच्चे भी हैं।

दरअसल मस्ताड़ी गांव में दरारें पड़ने और भूस्खलन होने की घटना 1991 के भूकंप से शुरू हो गई थी। वर्ष 1997 में गांव का भूविज्ञानियों ने सर्वे भी किया। गांव को विस्थापित और सुरक्षात्मक कार्य करने के सुझाव भी दिए। लेकिन, 24 वर्ष बाद गांव का विस्थापन तो दूर सुरक्षात्मक कार्य भी नहीं किए गए। हाल में हुई बारिश के कारण मस्ताड़ी गांव में घर आंगन से लेकर रास्तों तक दरारें और अधिक बढ़ गई। ग्रामीणों को डर है कि उनके घर कभी भी जमींदोज हो सकते हैं। ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए उपजिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी ने आपदा प्रबंधन की टीम गत बृहस्पतिवार को मस्ताड़ी गांव में भेजी। मास्टर ट्रेनर मस्तान भंडारी एवं क्यूआरटी टीम सोनपाल राणा सहित अन्य बचाव टीम ने गांव के निकट सुरक्षित स्थान पर तीन टैंट लगाए। गांव के प्रधान सत्यनारायण सेमवाल ने बताया कि ग्रामीणों के घरों के अंदर पानी निकल रहा है। साथ घरों में दरारें लगातार बढ़ती जा रही हैं तथा जमीन के अंदर से भी पानी की आवाज आ रही है। इससे मकानों के ढहने का खतरा बना हुआ है। भूस्खलन घरों की सुरक्षा दीवार और खेतों के पुश्ते भी ढहने की कगार पर आ गए हैं। गत बृहस्पतिवार को प्रशासन की ओर से तीन टैंट लगाए। इनमें पूर्व प्रधान खीमानंद सेमवाल, हरीश सेमवाल, सुरेंद्र प्रसाद सेमवाल, सुंदर लाल सेमवाल, जय प्रकाश सेमवाल, रामानंद सेमवाल, बैजनाथ नौटियाल और विनोद सेमवाल का परिवार रहा। अन्य परिवारों के लिए टैंट में स्थान नहीं मिला तो उन्हें अपने जर्जर भवनों में भी रहने के लिए विवश होना पड़ा है। दिव्यांग स्कूल के रास्ते की दीवार ढही

संवाद सूत्र, नौगांव : विकास खंड नौगांव के विजया दिव्यांग आवासीय स्कूल तुनाल्का को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग की सुरक्षा दीवार गिर गई है। इससे आवासीय विद्यालय में दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए दिक्कतें पैदा हो गई है।

विद्यालय की प्रबंधक विजया लक्ष्मी जोशी ने बताया कि भारी बारिश के चलते शुक्रवार की सुबह विद्यालय के मुख्य मार्ग पर बनी सुरक्षा दीवार टूट गई है । इससे दिव्यांग छात्रों को आने जाने में भारी दिक्कत हो रही है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मार्ग को शीघ्र ठीक करने की गुहार लगाई है। जिससे दिव्यांग छात्र-छात्राओं को जल्द से जल्द सुविधा मिल सके। भूस्खलन से आवासीय भवनों को खतरा

संवाद सूत्र नौगांव : बारिश से ग्राम धारी पल्ली गांव के मुख्य रास्ते समेत गांव की छानियों को जोड़ने वाले मार्ग पर भूस्खलन हुआ है, जिससे मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। गांव का पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने से सत्येश्वर डोभाल, कमलराम के आवासीय मकान को भी भूस्खलन का खतरा हो गया है। धारी गांव के गांव जनार्दन प्रसाद ने बताया कि संपर्क मार्ग टूटने से पशुओं की छानियों में जाने वाले ग्रामीण को अपने पशुओं को पानी व चारा देने की मुश्किल खड़ी हो गई है। वहीं नौगांव के कंडाऊ गांव निवासी दीपक के आवासीय मकान के पास भूस्खलन होने से मकान को खतरा पैदा हो गया है।

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